November 26, 2024

भीषण गर्मी में स्कूल खोलने के लिए नई गाइड लाइन जारी, स्कूलों को शिक्षा विभाग के इन नियमों का करना होगा पालन

Faridabad/Alive News : इन दिनों बढ़ती गर्मी और लू से सबका हाल बेहाल है। वही बच्चे इसकी चपेट में सबसे अधिक आ रहे हैं। इसी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों में हिटवेव के दुष्परिणामों से निपटने के लिए स्कूल द्वारा बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर कुछ दिशा निर्देश जारी किए हैं। जिसके तहत स्कूल का समय सुबह 7 बजे से शुरू लेकर दोपहर होने से पहले समाप्त कर देना चाहिए। अधिक गर्मी पड़ने पर स्कूलों के समय में 2 घंटे की कटौती भी की जा सकती है।

इसके अतिरिक्त स्कूलों में होने वाले खेल या अन्य बाहरी गतिविधियां जो छात्रों को सीधे सूर्य के संपर्क में लाती है जैसे असेंबली हो या गेम का समय सभी गतिविधियां स्कूल के कवर्ड एरिए में करवानी होगी। शिक्षा और साक्षरता विभाग के अनुसार स्कूल बस हो या वैन में अधिक बच्चों की भीड़ नहीं होनी चाहिए। छात्रों को उनकी क्षमता के अनुसार ही बैठाना होगा। साथ ही बस और वैन में पीने के पानी और प्राथमिक चिकित्सा अवश्य उपलब्ध होना चाहिए। इसके अतिरिक्त अद्यापकों को पैदल या साइकिल से स्कूल आने जाने वाले छात्रों को सिर ढक कर आने जाने की सलाह देनी होगी।

जारी दिशा निर्देशों के अनुसार छात्रों को अपनी पानी की बोतलें, टोपी और छतरियां अपने साथ लेकर आना होगा और बाहर जाने पर इसका इस्तेमाल करना होगा। साथ ही स्कूलों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि स्कूल में जगह-जगह पीने योग्य ठंडा पानी उपलब्ध करना होगा। उसके लिए स्कूलों में जगह जगह वाटर कूलर या पानी के मटके रखे होने चाहिए। प्रत्येक अवधि में शिक्षक विद्यार्थियों को पानी पीने के लिए जागरूक करेंगे और छात्रों को गर्मी से निपटने के लिए उचित जलयोजन के महत्व से अवगत कराएंगे।

स्कूलों में मिड डे मील के तहत बच्चों को दिया जाने वाला खाना गरम पका और ताजा होना चाहिए। साथ ही खाने को परोसने से पहले स्कूल के प्रभारी शिक्षक इसकी जांच करेंगे। स्कूल प्रभारी को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि गर्मी के दौरान सभी कक्षाओं के पंखे सुचारू रूप से चल रहे है या नही, कक्षा हवादार होने चाहिए। साथ ही बिजली कट के दौरान स्कूल में वैकल्पिक पावर बैकअप की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके अलावा जिन कक्षाओं में सूर्य की रोशनी प्रवेश करें, उस स्थान पर परदे लगे होने चाहिए।

लू से बचाव के लिए स्कूल में ओआरएस घोल, नमक और चीनी के घोल के पाउच होने चाहिए। हल्के लू लगने की स्थिति में छात्रों को प्राथमिक उपचार प्रदान करने के लिए शिक्षण और गैर शिक्षक कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। स्कूलों के निकट अस्पताल क्लीनिक या डॉक्टर नर्स अवश्य होनी चाहिए, ताकि गंभीर स्थिति में बच्चों को तुरंत चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें।

साथ ही परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों को पीने योग्य पेयजल की उपलब्धता होने के साथ केंद्रों पर परीक्षा हॉल में बच्चों की सीटों पर उन्हें पानी की आपूर्ति तुरंत करानी होगी। परीक्षा के दौरान बच्चों को स्कूल की छायांकित स्थान पर बैठना होगा।