Poonam Chauhan/Alive News
Faridabad: पेट्रोल-डीजल और सीएनजी के दामों में जिस तरह से इजाफा हो रहा है उसके कारण अब स्कूली बच्चों के अभिभावकों पर इसका बोझ पड़ना शुरू हो गया है। स्कूल बसों के साथ ही ऑटो व अन्य वाहनों ने अभिभावकों से किराया अधिक वसूलना शुरू कर दिया है, जबकि किराया बढ़ाने की अनुमति लेनी पड़ती है, लेकिन बिना अनुमति के ही यह काम स्कूल बस संचालक कर रहे हैं, क्योंकि उनका कहना है कि जिस तेजी से डीजल के दाम बढ़े है उसके कारण किराया बढ़ाना अति आवश्यक हो गया है।
शहर के स्कूल-कॉलेजों में बसों के अलावा ऑटो व वैन विद्यार्थियों को स्कूल से घर ले जाने और लाने में भी लगे हुए हैं। इसमें ऑटो सीएनजी से और बसें डीजल से संचालित होती हैं। अब वाहन चालकों ने भी संबंधित स्कूल व कॉलेज संचालकों से किराया बढ़ाने की मांग कर दी है। जिसके बाद स्कूल व कॉलेज संचालकों ने बच्चों से किराया बढ़ाकर देने के लिए कह दिया है।

स्कूल बस और वैन का इतना बढ़ाया गया किराया
फरीदाबाद में करीब 120 सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूल हैं। इसके अलावा 300 से अधिक हरियाणा बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी स्कूल हैं। यहां करीब दो लाख से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं। दो-तीन किलोमीटर की दूरी वाले स्कूलों में पहुंचने के लिए भी बच्चे स्कूल बस या वैन का सहारा लेते हैं। छात्रों को स्कूल तक पहुंचाने और वापस घर तक लाने के एवज में स्कूल प्रबंधक व वैन चालक की ओर से मासिक किराया लिया जाता है।
अभिभावकों के अनुसार, स्कूल फीस के अलावा बस या वैन में हर माह 1000 से 1500 रुपये खर्च होता है, लेकिन सीएनजी, पेट्रोल के दर बढ़ने से प्रति छात्र 200 रुपये अधिक मासिक किराया बढ़ा दिया गया है। स्कूल बसों के साथ वैन संचालकों ने प्रति छात्र 150-200 रुपये मासिक किराया बढ़ा दिया है। इससे अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। उनका कहना है कि छात्रों को स्कूल भेजना मजबूरी है। ऐसे में क्या करें। किराया तो चुकाना ही पड़ेगा।
क्या कहते हैं वैन चालक
सीएनजी का मूल्य बढ़ने से 500 रुपये तक वैन का किराया बढ़ गया है। महंगाई की मार से सभी प्रभावित हैं। मजबूरी में किराया बढ़ाकर लेना पड़ रहा है।
–विजेंदर, वैन चालक।
पिछले 20 साल से वैन चला रहा हूं लेकिन कभी इतनी महंगाई नहीं बढ़ी। सीएनजी और पेट्रोल के दाम बढ़ने से हमें भी किराया बढ़ाना पड़ रहा है, अभिभावकों को हमारी मज़बूरी समझनी चाहिए।
–रोशन, वैन चालक।

क्या कहना है अभिभावक एकता मंच का
सीएनजी, पेट्रोल-डीजल की दर जरूर बढ़ रही है, लेकिन स्कूल प्रबंधकों को थोड़ा सोचना चाहिए कि अभिभावकों की आमदनी भी कम हुई है। ऐसे में स्कूल बस व स्कूल वैन का किराया बढ़ाना गलत है। बढ़े किराये से अभिभावकों की परेशानी और बढ़ेगी।
-कैलाश शर्मा, प्रदेश महासचिव, हरियाणा अभिभावक एकता मंच।