New Delhi/Alive News: गुजरात सरकार ने विधानसभा में घोषणा करते हुए कहा कि पूरे राज्य में शैक्षिक सत्र 2022-23 से कक्षा 6 से 12 के पाठ्यक्रम में भागवद् गीता शामिल होगी। शिक्षा विभाग के बजट पर चर्चा के दौरान शिक्षा मंत्री वघानी ने कहा कि भागवद् गीता के मूल्यों और उसूलों को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति के भी अनुरूप है। यह नीति आधुनिक और प्राचीन संस्कृति, रिवाजों और ज्ञान को पढ़ाई का हिस्सा बनाने पर बल देती है, ताकि विद्यार्थी भारत की समृद्ध और विविधतापूर्ण संस्कृति पर गर्व कर सकें।
वघानी ने कहा कि सभी धर्मों के लोग प्राचीन भारतीय धर्मग्रंथों में बताए गए नैतिक मूल्यों और आदर्शों को मानते हैं। कक्षा 6 से 8 तक भागवद् गीता नैतिक शिक्षा का हिस्सा होगी। कक्षा 9 से 12 तक यह प्रथम भाषा में किताबों में शामिल होगी। स्कूलों को इस पर प्रार्थना, श्लोक पाठ, नाटक, क्विज, पेंटिंग और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करना होगा। सरकार इसके लिए स्कूलों को किताबें और ऑडियो-वीडियो सीडी भी उपलब्ध कराएगी।
गुजरात सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि आगामी साल में पहली कक्षा से ही अंग्रेजी की पढ़ाई शुरू की जाएगी ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि गुजराती और गैर अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के विद्यार्थी इस भाषा से अधिक परिचित हो और उन्हें भविष्य में मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा। मौजूदा सयम में राज्य शिक्षा विभाग से जुड़े गुजराती, हिंदी, मराठी, उर्दू और तमिल माध्यम के स्कूलों में चौथी कक्षा से अंग्रेजी की पढ़ाई शुरू होती है।
मंत्री ने जोर देकर कहा कि अंग्रेजी को केवल विषय के रूप में शामिल किया जा रहा है और निर्देशन का माध्यम अंग्रेजी नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ कक्षा तीन से अंग्रेजी को पूर्ण विषय के तौर पर सभी गैर अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शुरू किया जाएगा। केंद्र में भाषा के सुनने, बोलने और लिखने का पहलु होगा। राज्य का शिक्षा विभाग छठी से आठवीं की कक्षाओं के लिए गणित और विज्ञान की किताबों को दो भाषा में प्रकाशित करेगा। इस प्रणाली के तहत एक ही किताब में पठन सामग्री गुजराती और अंग्रेजी में होगी।