Chandigarh/Alive News: भाजपा के साथ गठबंधन की सरकार चला रही जजपा के अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला सजा पूरी करके रिहा हो गए हैं। गांवों से लेकर शहरों में जजपा कार्यकर्ताओं में जोश है। इसी जोश को बूस्टर डोज कहा जा रहा है। इससे पहले जब कृषि कानून रद हुए तो सबसे ज्यादा राहत जजपा को ही मिली। तब इसे राहत की डोज कहा गया। क्योंकि सबसे ज्यादा सवाल जजपा पर उठते थे। गांवों में प्रचार किया जा रहा था कि जजपा सहयोगी पार्टी है। क्यों नहीं इस्तीफा दिया जा रहा। किसान आंदोलन खत्म हुआ तो जजपा को गांवों में बड़ा रास्ता मिला। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का अब गांव-गांव में स्वागत हो रहा है।
सीटों को लेकर अभी से चर्चा
जजपा में सीटों को लेकर अभी से चर्चा हो गई है। पानीपत की बात करें तो ग्रामीण क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके जजपा के नेता देवेंद्र कादियान इन दिनों समालखा में सक्रिय हो गए हैं। दरअसल, गठबंधन में अगर टिकटों का बंटवारा हुआ तो देवेंद्र कादियान को ग्रामीण सीट से टिकट मिलना मुश्किल हो जाएगा। वहां पर भाजपा के दो बार के विजेता महिपाल ढांडा का टिकट लगभग पक्का है। ऐसे में देवेंद्र ने गांव दर गांव प्रचार शुरू कर दिया है। अवसर मिला तो वह समालखा से भी चुनाव लड़ सकते हैं।
जीटी रोड बेल्ट की कुल 36 सीटों में से जजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में पांच सीटें जीतीं थीं। जजपा ने कुल दस सीटें जीतीं। आधी जीटी बेल्ट से आईं। इसी आधार पर जजपा ने सरकार बना ली। अजय चौटाला की जीटी रोड बेल्ट पर पकड़ है। जजपा को लगता है कि अगर अजय चौटाला यहां पूरी तरह से सक्रिय हो गए तो अगली बार सीटों की संख्या बढ़ जाएगी। जीटी बेल्ट में अंबाला, यमुनानगर, करनाल, सोनीपत, जींद, कैथल और पानीपत आते हैं।