Chandigarh/Alive News: हरियाणा में परीक्षा फर्जीवाड़े में धरा गया बुड़ैल जेल का हेडक्लर्क संजय स्वयं बीटेक पास है और प्रतियोगी परीक्षाओं में दूसरों की जगह कई वर्षों से परीक्षा देता रहा है। पुलिस के अनुसार डेढ़ दर्जन से अधिक परीक्षाएं देकर वह कई युवाओं को फर्जी ढंग से नौकरी दिलवा चुका है। जानकारीके मुताबिक संजय ने 2016 से लेकर अब तक जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर, जम्मू, पुणे, चंडीगढ़, मुंबई, असम, चेन्नई सहित अनेक शहरों में आर्मी, नेवी, फायरमैन, आर्मी सफाईवाला, आर्मी चौकीदार, हाउस कीपिंग जैसी भर्तियों की परीक्षाएं दी हैं।
इनमें अनेक युवा फर्जी तरीके से पास होकर नौकरी प्राप्त कर चुके हैं। पुलिस की पूछताछ में उक्त खुलासा होने के बाद अब बीते रोज धरे गए चारों आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस जांच में पता चला है कि परीक्षा फर्जीवाड़े गिरोह का मुख्य सरगना संजय ही है, जो उम्मीदवार तलाश कर उनकी जगह सीटर की व्यवस्था करता था और इसके लिए लाखों में डील करता था। इसी के माध्यम से राहुल ने हरियाणा पुलिस कांस्टेबल में पांच लोगों के एग्जाम दिए हैं।
साथ ही राहुल ने रेवेन्यू क्लर्क का एग्जाम दिया है, जिसका परिणाम लंबित है। चौथे आरोपी अश्वनी ने हरियाणा पुलिस में एक की जगह परीक्षा दी है, लेकिन वह उम्मीदवार सफल नहीं हो पाया है। पुलिस ने संजय सहित चारों आरोपियों को सोमवार को न्यायालय में पेश किया। वहां से मुख्य आरोपी छातर निवासी संजय कुमार और बल्लभगढ़ निवासी राहुल को छह दिन और छातर निवासी संदीप एवं यूपी के सराय प्रयाग निवासी अश्वनी प्रताप को तीन-तीन दिन की रिमांड पर लिया गया है।
पुलिस का कहना है कि रिमांड के दौरान पता लगाया जाएगा कि चारों ने किस-किस परीक्षा में गड़बड़ी की है। गौरतलब है कि चारों आरोपियों को कैथल पुलिस ने संजय के करनाल रोड स्थित भैणी माजरा आवास से उस समय काबू किया था, जब वे संदीप कुमार से सिपाही भर्ती परीक्षा पास करवाने की एवज में सात लाख रुपये ले रहे थे। पुलिस ने चारों के पास से बड़ी संख्या में एडमिट कार्ड और फर्जी तरीके से तैयार किए गए कागजात बरामद किए थे।
फिंगर प्रिंट की जांच में भी करते थे फर्जीवाड़ा
पुलिस पूछताछ में पता चला है कि संजय कुमार फर्जी सीटर की व्यवस्था करके फर्जी उम्मीदवार से परीक्षा दिलवाता था। एक बार लिखित परीक्षा में जब फर्जी उम्मीदवार परीक्षा दे देता था तो उसके बाद फिजिकल वेरिफिकेशन के समय फिंगर प्रिंट की जांच करने वाली कंपनी के निचले स्तर के कर्मचारियों से सेटिंग करते थे। ये कर्मचारी उस उम्मीदवार की जांच किए बिना ही उसेे ओके कर देते थे। इस तरह से अभ्यर्थी फिजिकल में भी पास हो जाता है।
आरोपियों से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि कई युवक फर्जी तरीके से परीक्षाएं पास कर चुके हैं और नौकरी भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने फर्जी तरीके से परीक्षाएं पास करके नौकरी हासिल की हैं। उन लोगों के लिए संबंधित विभागों को लिखा जाएगा। आगे की कार्रवाई उसी क्षेत्र की पुलिस कर सकती है, जिस क्षेत्र में परीक्षा के समय गड़बड़ी की गई है। यहां पहले से दो एफआईआर में जांच चल रही है। अब नई एफआईआर में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार आला अधिकारियों को अवगत करवाया दिया जाएगा।