Chandigarh/Alive News : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने चेक बाउंस मामले में आरोपी को झटका देते हुए निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को सिरे से खारिज कर दिया। मिली जानकारी के अनुसार पंचकूला निवासी पीड़ित महिला ने अपनी शिकायत में बताया था कि याची ने उसके पति से 15 अक्तूबर 2011 में 8 लाख रुपये उधार लिए थे। इसके बाद 15 दिसंबर 2013 को शिकायतकर्ता के पति की मौत हो गई थी। शिकायतकर्ता ने याची से उधार की राशि लौटाने को कहा तो याची ने एक चेक थमा दिया। जब इस चेक को लगाया गया तो यह बैलेंस न होने की वजह से बाउंस हो गया। इसके चलते सीजेएम की कोर्ट में शिकायत दी गई।
जानकारी के अनुसार सीजेएम ने शिकायतकर्ता के हक में फैसला सुनाते हुए 8 लाख रुपये की राशि 6 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने और याची को एक साल की कैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले को एडिशनल सेशन जज की अदालत में चुनौती दी गई। एडिशनल सेशन जज ने भी याची की दलीलों से असहमति जताते हुए सीजेएम के फैसले पर मोहर लगा दी थी। इन दोनों फैसलों के खिलाफ याची ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने याची की दलीलों से असहमति जताते हुए कहा कि याची चेक जारी करने के बाद इसमें तय राशि को देने की अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकता। हाईकोर्ट ने कहा कि यदि चेक पर विवरण किसी और के भरने की दलील भी मान ली जाए तो चेक पर हस्ताक्षर याची के हैं, वह स्वीकार कर चुका है। ऐसे में विवरण किसी और के भरने पर भी याची को तय की गई राशि का भुगतान करना ही होगा।