December 27, 2024

किसानों के संघर्ष की जीत, खेती को लाभकारी बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार प्रयासरत : दुष्यंत चौटाला

Chandigarh/Alive News : हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान हरियाणा, पंजाब, दिल्ली में दर्ज मामलों को वापस लेने के लिए वे केंद्र सरकार से बातचीत करेंगे। डिप्टी सीएम शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित जननायक जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय पर पत्रकारों से रूबरू थे।

डिप्टी सीएम ने कहा कि आंदोलन के दौरान लोगों पर दर्ज हुए केस, इनमें जो गैर घातक गतिविधि के मामले है, उन्हें वापस करवाने का प्रयास रहेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली में दर्ज जो मामले ज्यादा संगीन नहीं है, उन्हें वापस लिया जाने चाहिए और जो मामले संगीन है उन पर कोर्ट फैसला करें। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वे इसके लिए केंद्र से बातचीत करेंगे।

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पावन प्रकाश पर्व पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के लंबे संघर्ष को देखते हुए सराहनीय निर्णय लिया है और यह किसानों के संघर्ष की जीत है। उन्होंने केंद्र से उम्मीद जताई की कि केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र से जुड़ी अन्य समस्याओं को दूर करके किसानी को और बेहतर, फायदेमंद बनाने की दिशा में कार्य करेगी।

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि किसानों का यह संघर्ष इसलिए भी लंबा चला क्योंकि कानूनों के लाभ के बारे अच्छे से प्रचार नहीं हो पाया और इसकी वजह से इन नये कानूनों की छवि कठोर कानून के रूप में बन गई। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि यह बात स्वयं प्रधानमंत्री ने मानी कि कानूनों को लेकर समझाने में कमी रही और इसके लिए उन्होंने माफी भी मांगी, जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़प्पन को दिखाता हैं।

दुष्यंत चौटाला ने यह भी कहा कि किसानों के लिए एमएसपी सुनिश्चित करने में हरियाणा प्रदेश देश में सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 13 फसलों की निर्धारित एमएसपी पर खरीद होती है। भावांतर भरपाई योजना के तहत 17 बागवानी फसलों के नुकसान की भरपाई हरियाणा सरकार करती है। वहीं बाजरे की फसल को लेकर अन्य किसी भी राज्य ने अतिरिक्त पैसा किसानों को नहीं दिया जबकि हरियाणा में प्रदेश सरकार ने 600 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों को पैसा दिया और फसल बेचने से पहले किसानों को उसका लाभ पहुंचाया।