Faridabad/Alive News : नगर निगम में एक भ्रष्टाचार मामले में निगमायुक्त द्वारा गठित की गई नई जांच कमेटी ने बुधवार को दूसरी बार बैठक किया और कई अहम फैसले लिए। इस दौरान कमेटी ने वर्ष 2017 से 2019 तक किए हुए विकास कार्यों के दौरान नगर निगम में तैनात इंजीनियरिंग विंग के अधिकारियों तत्कालीन मुख्य अभियंता डीआर भास्कर, अधीक्षण अभियंता रमन शर्मा और वित्त शाखा प्रमुख विशाल को नोटिस जारी किया है। साथ ही कमेटी ने जांच का दायरा ठेकेदार द्वारा जमा कराई गई जीएसटी की डिटेल देने के लिए जीएसटी विभाग को पत्र लिखा है।
बता दें, कि दस वार्डों में बगैर काम के एक ठेकेदार को की गई 50 करोड़ रुपये पेमेंट का मामला पिछले दो साल से चल रहा है। लेकिन जांच रिपोर्ट अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। अभी इस केस की जांच विजिलेंस भी कर रही है। पहले की जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाए गए आउटसोर्सिंग जेई राजन तेवतिया समेत अकाउंट ब्रांच के तीन क्लर्क, पंकज, तस्लीम व प्रदीप कुमार को बर्खास्त किया जा चुका है। सूत्रों के अनुसार कमेटी की ओर से संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर 15 नवंबर तक कमेटी के सामने हाजिर होकर अपने बयान दर्ज कराने निर्देश दिए गए है।
ये है पूरा मामला
निगम पार्षद दीपक चौधरी ने अकाउंट ब्रांच से 2017 से 2019 तक विकास कार्यों का ब्योरा मांगा था। उन्होंने पूछा था कि किस फंड से किस ठेकेदार को कितनी पेमेंट हुई। वार्ड में 27 ऐसे कार्य हुए हैं, जिनमें एक करोड़ रुपये से ज्यादा की पेमेंट दिखाई गई है। काम में नालियों की रिपेयरिंग, इंटरलॉकिंग टाइल लगाना और स्लैब लगाने को दिखाया गया। कुल 10 वार्डों में करीब 50 करोड़ का विकास दिखाकर ठेकेदार ने निगम से पेंमेंट लिया है।