Faridabad/Alive News : ब्रह्मजीत गुर्जर मर्डर केस के दोनों आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया। मार्च 2018 में पुलिस को ब्रह्मजीत का शव पलवल के एक फार्म हाउस में बरामद हुआ था।
बता दें, कि परिजनों ने ब्रह्मजीत गुर्जर के मर्डर का आरोप पलवल निवासी राजीव भाटी और स्वाति सेठी पर लगाया था। इस पर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। पिछले करीब सवा तीन साल से चल रहे इस केस में मंगलवार को फैसला आ गया। मिली जानकारी के अनुसार बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रशांत यादव ने कोर्ट में अपनी कई दलील पेश की और बताया कि इस केस में मूल रूप से पलवल निवासी राजीव भाटी और उनकी कर्मचारी स्वाति सेठी को आरोपी बनाया गया था। उसमें ये साबित हो गया कि मृतक का शव पुलिस को पहले ही मिल गया था। पुलिस यह पहले से जानती थी कि ब्रह्मजीत का शव कहां है। कई सबूतों को ध्यान में रखते हुए अदालत ने दोनों को बरी कर दिया।
मूलरूप से बुढ़ैना निवासी ब्रह्मजीत के भाई ब्रह्मपाल ने फरवरी माह 2018 में गुम हो जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद 24 मार्च 2018 को उसका शव पलवल के पास एक फार्म हाउस में मिला। ब्रह्मजीत की हत्या का आरोप पलवल के मुनीरगढ़ी निवासी राजीव भाटी और उसकी कर्मचारी स्वाति सेठी पर लगाया गया। जिसके बाद पुलिस ने होडल में राजीव के फार्म हाउस में करीब 10 फुट जमीन खोदकर ब्रह्मजीत का कंकाल बरामद कर लिया।
राजीव भाटी प्रॉपर्टी डीलर का काम करता है। उसके फरीदाबाद व गुरुग्राम में भी कार्यालय हैं। ब्रह्मजीत से उसकी पुरानी दोस्ती थी। राजीव की ब्रह्मजीत के गांव बुढ़ैना में ससुराल है। दोनों मिलकर प्रॉपर्टी खरीद फरोख्त का काम करते थे। जवाहर नगर कैंप पलवल निवासी स्वाति सेठी पिछले कई सालों से राजीव के साथ काम करती थी। ब्रह्मजीत के परिजनों ने आरोप लगाया था कि राजीव ने 10 करोड़ की देनदारी से बचने के लिए ब्रहमजीत की हत्या की साजिश रची थी।
पुलिस ने अपनी जांच में दावा किया था कि ब्रहमजीत ने किसी बात को लेकर राजीव को तीन-चार महीने थप्पड़ मार दिये थे। उसका बदला लेने के लिए उसकी हत्या की गई थी।