Chandigarh/Alive News : हरियाणा शिक्षा विभाग ने बीते नौ अगस्त की छात्र संख्या को आधार मानते हुए जूनियर बेसिक टीचर, प्राइमरी टीचर्स (पीआरटी) और मुख्य शिक्षक (एचटी) की रेशनेलाइजेशन को अंतिम रूप दे दिया है। स्कूलों में शिक्षकों के पदों का दोबारा वितरण जल्दी होगा। इसके लिए किसी मुख्य शिक्षक को सरप्लस नहीं किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार 150 से कम विद्यार्थियों पर भी मुख्य शिक्षकों की नियुक्ति को मंजूरी दी गई है। मौलिक शिक्षा निदेशक ने सोमवार को सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को रेशनेलाइजेशन का पत्र भेज दिया। इसके अनुसार कुल 422 शिक्षक सरप्लस हुए हैं। इनमें 108 नियमित, 314 अनुबंधित व तदर्थ शिक्षक हैं। इन्हें डाइट व नई शिक्षा नीति के कार्यक्रमों में समायोजित किया जाएगा।
निदेशक ने सभी जिलों से स्कूलों में सरप्लस हुए शिक्षकों की जानकारी एक सप्ताह में भेजने को कहा है। रेशनेलाइजेशन लागू करते समय 70 प्रतिशत दिव्यांग अतिथि शिक्षक सरप्लस नहीं होंगे। प्रदेश के 8672 स्कूलों में 2362 मुख्य शिक्षकों और 36,212 जेबीटी-पीआरटी की जरूरत है। इनकी कुल संख्या 38,574 बनती है। साठ बच्चों तक दो, 90 तक तीन, 120 तक चार, 150 तक पांच जेबीटी-पीआरटी नियुक्त किए जाएंगे। 200 बच्चों तक भी इनकी संख्या पांच ही रहेगी। इसके बाद हर 40 बच्चों को एक अतिरिक्त शिक्षक नियुक्त किया जाएगा।
बिना वर्कलोड वाले शिक्षकों में सबसे पहले कनिष्ठ अतिथि शिक्षक सरप्लस किए जाएंगे। यदि स्कूल में अतिथि या तदर्थ शिक्षक नहीं है, तो लंबे समय से स्कूल में जमे वरिष्ठ जेबीटी, पीआरटी सरप्लस किए जाएंगे। इनका समायोजन अस्थायी तौर पर किया जाएगा, निकट भविष्य में होने वाले ऑनलाइन तबादलों में इन्हें भाग लेना ही होगा। यदि एक-दूसरे के स्थान पर कोई सरप्लस होना चाहता है, तो दोनों शिक्षकों को सहमति पत्र देना पड़ेगा।
एक साल में सेवानिवृत्त होने वाले, विधवा, परित्यक्ता, गंभीर बीमारियों से पीड़ित शिक्षकों को रेशनेलाइजेशन लागू करते समय बिल्कुल नहीं छेड़ा जाएगा। यदि किसी स्कूल में इसी श्रेणी के सभी शिक्षक हैं, तो सबसे अधिक ठहराव वाले शिक्षक को सरप्लस करना होगा।
रेशनेलाइजेशन के बाद 2694 नई वैकेंसी बनती हैं। जिनमें से मेवात कैडर के 852 पदों को भरने के लिए कर्मचारी चयन आयोग को मांग भेजी गई है। नूंह में सबसे अधिक 1375 नए पदों की मांग है। कुल स्वीकृत पद 44,270 हैं, जबकि 38,574 पदों की ही मांग विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार है। 5696 को शिक्षा निदेशालय ने सुरक्षित पूल में रखा है। भविष्य में विद्यार्थी बढ़ने पर पूल से पदों का आवंटन स्कूलों को किया जाएगा। अभी 35,860 शिक्षक व मुख्य शिक्षक ही स्कूलों में कार्यरत हैं।