Chandigarh/Alive News : हरियाणा सरकार एक बार फिर हरियाणा परिवहन विभाग की बागडोर आईपीएस अधिकारी के हाथों में सौंपने की फिराक में है, लेकिन गृह मंत्री अनिल विज इससे सहमत नहीं हैं। गुरुवार को निकली तबादला सूची में परिवहन विभाग का जिम्मा किसी आईपीएस को सौंपने के आदेश जारी होने थे, लेकिन विज ने पेंच फंसा दिया है। उन्होंने फाइल पर लिख दिया है कि इस मामले में डीओपीटी (डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग) की अनुमति जरूरी है।
मिली जानकारी के मुताबिक विज का तर्क है कि आईपीएस और आईएएस अधिकारियों की ट्रेनिंग अलग-अलग होती है। लिहाजा आईएएस की पोस्ट पर आईपीएस लगाना उचित नहीं होगा। विज का शुरू से स्टैंड रहा है कि जो अधिकारी पुलिसिंग के अलावा दूसरे कार्यों में लगे हैं, उन्हें उनके मूल काडर में वापस लाकर पुलिसिंग का काम करवाया जाए।
बता दें, कि सरकार ने परिवहन विभाग की कमान पहले आईपीएस अधिकारी शत्रुजीत कपूर को दी थी। इसके विरोध में कुछ कनिष्ठ अधिकारी वरिष्ठ अधिकारियों के पास गए थे। इस मामले में आईएएस अशोक खेमका ने डीओपीटी को पत्र लिख कर आपत्ति भी जताई थी और डीओपीटी ने सरकार को इस बाबत पत्र लिखा। डीओपीटी ने लिखा है कि काडर पोस्ट पर किसी को न लगाया जाए। यदि लगाया भी जाए तो डीओपीटी की अनुमति अवश्य ली जाए। अब सरकार चाह रही थी कि किसी तरह आईपीएस अधिकारी की परिवहन विभाग में पदस्थापित हो जाए और डीओपीटी से अनुमति बाद में ले ली जाए।