November 19, 2024

पोस्ट कोविड समस्याओं के समाधान में आयुर्वेद एवं योग है सहायक : सिविल सर्जन

Palwal/Alive News : सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप ने बताया कि कोविड के संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति आयुर्वेद एवं योग का पालन करके फिर से अपने शरीर को स्वस्थ्य बना सकते हैं।

आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी डॉक्टर मोहम्मद इरफान ने बताया है कि आयुष मंत्रालय ने पोस्ट कोविड मरीजों के लिए गाइडलाइंस जारी की है, जो कोरोना के संक्रमण के पश्चात होने वाली समस्याओं जैसे भूख न लगना, खाना न पचना, कब्ज की शिकायत होना, फेंफड़ों का कमजोर होना, लगातार गले में खराश, खांसी होना, सांस फूलना, निद्रा न आना, मनोवैचित्य, शरीर में थकान, कमजोरी महसूस होना, मंद ज्वर होना आदि होने की संभावना होती है। इसके लिए सभी लोग नियमित रूप से आयुर्वेदिक दिनचर्या, योग, आहार-विहार (रहन-सहन) एवं औषधियों का सेवन आयुष चिकित्सक की देखरेख में करें, तो इन समस्याओं का निराकरण किया जा सकता है।

उन्होंने बताया की सुबह 4 से 5 बजे के बीच जागकर नित्य कर्म करें, फिर खाली पेट 3 से 4 गिलास गुनगुना पानी पिएं, पानी शरीर की कोशिकाओं की च्यापचय क्रियाओं में योगदान देता है, जिससे दिन में थकावट आदि नहीं होती है। इसके बाद 40 मिनट तक प्रतिदिन योग करें, जिससे शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है एवं मन भी मजबूत होता है, जो अवसाद, मनोवैचित् आदि को दूर करने में सहायक है। इसी प्रकार प्राणायाम, भस्त्रिका, कपालभांति, भ्रामरी जैसे योग फैंफड़ों को ताकत देते है। जो रोगियों के संक्रमण के बाद कमजोर फैंफड़ों को पुन: मजबूत करेगा। योग के बाद नाक के दोनो नथुनों में अणु तैल की दो-दो बूंदें लेटकर डालें। इस प्रकार का प्रतिमर्श नस्य प्रतिदिन करने से नाक में जुखाम, सिरदर्द आदि में आराम मिलता है। साथ में मन भी प्रसन्न रहता है। इसके अलावा दिमाग से संबंधी कार्य को करने की क्षमता को भी बढ़ाता है।

मुख में नारियल तैल अथवा तिल तैल का कवल (तेल को मुख के अंदर चलाना) धारण करें। इससे मुख का स्वाद ठीक हो जाता है। इसके एक घंटे बाद गुनगुने पानी से प्रतिदिन स्नान करे। हल्का नाश्ता लें, नाश्ते में इलाइची पका दूध, गोल्डन मिल्क लें, फलों में अनार का सेवन करें, प्रारंभ में हल्का फुल्का कार्य करें, अति मेहनत वाले कार्यों से बचें, कार्य की अवधि को साप्ताहिक रूप से बढ़ाएं, दिन में दोपहर के भोजन में मूंग की दाल, सलाद, रोटी का सेवन करें, खाना मातृपूर्वक खाएं, खाने के बीच में पानी अवश्य पिएं। इसके पश्चात दिन में यदि चाय पीने का मन हो तो आयुष काढ़ा (तुलसी, कालीमिर्च, दालचीनी, सोंठ) का सेवन करें। इसमें मुनक्का मिला कर दिन में दो बार सेवन करें। शाम का भोजन सूर्यास्त से पहले करने की आदत डालें, जिससे रात्रि में शयन से पहले खाना भलीभांति पच जाता है।

शाम के बाद मोबाइल फोन, टीवी का प्रयोग न करें, परिवार के साथ अधिक समय बचाएं। आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी डॉक्टर सूरजभान ने बताया की कमजोरी महसूस कर रहे व्यक्ति प्रतिदिन एक-एक चम्मच च्यवनप्राश का सेवन करें और ऊपर से गुनगुना दूध पिएं। भूख, कब्ज की शिकायत होने पर प्रतिदिन रात्रि में सोते समय त्रिफला चूर्ण का सेवन गुनगुने पानी से अथवा शहद में मिलाकर सेवन करें और किसी भी आयुष औषधि को अथवा किसी भी बीमारी के लिए अपने नजदीक स्थित आयुष औषधि से अथवा आयुष चिकित्सक की देखरेख में इलाज कराएं।

सिविल सर्जन डॉक्टर ब्रह्मदीप ने कोरोना के संक्रमण से ठीक हुए व्यक्तियों से अपील की है कि वे अपनी प्लाज्मा सिविल हॉस्पिटल पलवल में दान करें, जिससे अन्य रोगियों के इलाज में सहायता मिले। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे अपना टीकाकरण करवाएं, उचित दूरी बनाए रखें, मास्क लगाएं, हाथों को बार-बार धोएं, घर में एवं घर के आस-पास सफाई का विशेष ध्यान रखें।