Palwal/Alive News : जिला में कोरोना को नियंत्रित करने व इस महामारी से निजात पाने के लिए गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक स्तर पर वैक्सीनेशन अभियान चलाकर पूरे प्रदेश सहित देश भर में अपनी अलग पहचान बनाई है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने विशेषज्ञों द्वारा बच्चों में तीसरी लहर को लेकर जताई जा रही आशंकाओं के मद्देनजर जिला के सभी स्कूलों में इससे बचाव को लेकर उचित प्रबंध करने के साथ ही नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है।
जिला सिविल सर्जन डॉ. वीरेंदर यादव ने इन प्रबंधों की जानकारी देते हुए बताया कि चूंकि जिला में अब सभी स्कूलों में सभी कक्षाओं में नियमित रूप से पढ़ाई शुरू हो चुकी है। ऐसे में सभी स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल की पूरी तरह से पालना की जा रही है या नही इसको सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम (आर.बी.एस.के) से जुड़े डॉक्टर्स को जिला के विभिन्न क्षेत्रों में नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि यह नोडल अधिकारी सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में कोविड पर अंकुश लगाने के लिए औचक निरीक्षण कर उपरोक्त विषय की जांच करेंगे।
डॉ. यादव ने बताया कि नोडल अधिकारी व उनकी टीम द्वारा स्कूलों में सभी को खांसी शिष्टाचार, हाथ की स्वच्छता, सामाजिक दूरी और विभिन्न प्रकार के मास्क के बारे में प्रशिक्षण और उपयोग और त्यागने के तरीके के बारे में भी बताया जाएगा।
स्कूल में ही होंगे रैपिड एंटीजेन टेस्ट
उप सिविल सर्जन डॉ ईशा नारंग ने बताया कि सभी आर.बी.एस.के डॉक्टरों को रैपिड एंटीजन परीक्षण किट पर प्रशिक्षण देकर प्रत्येक डॉक्टर को 25 किट जारी किए गए हैं ताकि सकारात्मक मामले की शीघ्र पहचान कर स्कूलों में संक्रमण के प्रसार से बचने के लिए त्वरित अलगाव सुनिश्चित किया जा सके। डॉ. ईशा ने कहा कि राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम की टीमें यह भी सुनिश्चित करेंगी कि बच्चों के माता-पिता द्वारा होम आइसोलेशन प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाए और दिशानिर्देशों के अनुसार टीमों द्वारा नियमित रूप से दौरा भी किए जायंगे।