Chandigarh/Alive News : करनाल स्थित बसताड़ा टोल पर पुलिस द्वारा किसानों पर बेरहमी से लाठीचार्ज करने से किसान सुशील काजल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों के अनुसार शनिवार रात वह घर पहुंचने के बाद सो गया था, लेकिन सुबह मृत मिला। रविवार को गांव में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
करनाल में शनिवार को भाजपा की प्रदेशस्तरीय बैठक की सूचना पर विरोध के लिए किसान बसताड़ा टोल पर एकत्रित हुए थे। यहां से वह भाजपा के कार्यक्रम स्थल की ओर से कूच करने की तैयारी कर रहे थे। तभी पुलिस की ओर से किए गए लाठीचार्ज में गांव रायपुर जाटान निवासी किसान सुशील काजल को भी चोट लगी थी।
सुशील काजल के बेटे साहिल के मुताबिक उनके पिता शनिवार रात करीब साढ़े आठ बजे घर पहुंचे थे। उनके सिर में गुम चोटें थीं और कपड़ों पर खून के छींटे पड़े थे। उसने पिता से पहले दवाई लेने की बात कही, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। रात को कई बार कहने के बावजूद उन्होंने खाना भी नहीं खाया। मिली जानकारी के अनुसार साहिल के पिता पिछले नौ माह से बसताड़ा टोल पर चल रहे किसान आंदोलन में जा रहे थे। दिल्ली बार्डर पर बड़ा आंदोलन होता था तो वहां पर भी वह अक्सर पहुंचते थे।
सुशील काजल का एक बेटा और एक बेटी है। दोनों की शादी हो चुकी है। उनकी पत्नी किसान आंदोलन के दौरान अपने बेटे के साथ खेतीबाड़ी संभालती थी। अब सुशील काजल की मौत के बाद सारी जिम्मेदारी उनकी पत्नी व बेटे पर ही आ गई है।
रायपुर जाटान गांव निवासी किसान सुशील काजल की मृत्यु के बाद रविवार को ग्रामीणों ने उन्हें भारतीय किसान यूनियन के झंडे से सलामी दी। रायपुर जाटान पहुंचे किसान नेता जगदीप औलख ने परिजनों को सांत्वना देने के बाद कहा कि किसान आंदोलन के दौरान शनिवार को पुलिस ने बसताड़ा टोल पर लाठीचार्ज किया, जिसमें किसान सुशील को भी लाठियां लगी थीं, जिसमें किसान सुशील काजल को काफी चोटें थीं। उन्होंने कहा कि आंदोलन के चलते एक किसान और शहीद हो गया है।