New Delhi/Alive News : मशहूर रैपर ‘यो यो हनी सिंह’ के चाहने वालों के लिए बीते दिन एक बुरी खबर सामने आई. हनी सिंह के खिलाफ घरेलू हिंसा मुकदमा दर्ज हुआ है. उनकी पत्नी हनी सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इसी दौरान उनकी पत्नी ने अपनी दर्द भरी दास्तां भी सुनाई. सामने आया कि हनी सिंह ने अपनी पत्नी शालिनी तलवार के साथ खराब व्यवहार शादी के बाद से ही करना शुरू कर दिया था. शालिनी ने 2 महीने पहले से ही सोशल मीडिया पर अपना दर्द जाहिर करना शुरू कर दिया था.
हनी सिंह की पत्नी ने किए चार पोस्ट
हनी सिंह की पत्नी शालिनी तलवार ने बीते दो महीने में एक-दो नहीं बल्कि चार सोशल मीडिया पोस्ट किए और अपना दर्द लोगों के बीच जाहिर किया. उन्होंने दबे अलफाजों में पति हनी सिंह के अत्याचार की पूरी कहानी सुनाने की कोशिश की थी. उन्होंने पहला पोस्ट 30 मई 2021 को किया है. इस पोस्ट में किसी राइटर की बात को दोहराया गया है, जिसमें लिखा है, ‘इमोशन शोषण किसी की पहचान को खत्म करता है. उनके मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक सोच के साथ ये गलत है.’ लोग लगातार इन पोस्ट पर उनसे कमेंट कर के उनकी परेशानी पूछ रहे हैं.
24 जून को ही हिंसा की कही थी बात
हनी सिंह की पत्नी शालिनी तलवार ने दूसरा पोस्ट 24 जून को किया है. इसमें एक रोती लड़की की तस्वीर है, जिस पर लिखा है, ‘वो संस्कारी थी जब तक सहती रही, बद्तमीज हो गई जब बोल पड़ी.’ इसके कैप्शन में शालिनी ने लिखा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस समाज से आते हैं, अमीर या गरीब, पढ़ा-लिखा या अनपढ़, आप फेमस हैं या नहीं, सभी जगह महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है. हर वर्ग में महिलाओं की दुर्दशा एक जैसी होती है ‘
तीसरे पोस्ट में कही ये बात
शालिनी तलवार ने 20 जुलाई को अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, ‘कभी किसी को बार-बार झूठ बोलने के लिए माफ न करें. ये उनके चरित्रहीनता, ईमानदारी, छल और खराब मानसिकता को दर्शाता है.’
हनी सिंह की पत्नी ने देर रात किया पोस्ट
इसके बाद बीती रात यानी 4 अगस्त 2021 को अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर शालिनी ने पोस्ट कर कुछ बातें कहीं. उन्होंने लिखा, ‘कई ज्यादा ट्रॉमा बरदाश्त करने वाले लोग पूरी तरह कभी ठीक नहीं होते. जब ऐसा हुआ तो हमें ये समझना होगा कि वो सही थे, जहां उन्हें सही होना चाहिए था. सभी चीजे ठीक होने के लिए नहीं होती, इससे साहस से न जोड़े. कुछ लोगों को इतना प्रताड़ित किया जाता है कि वो अपनी इच्छा कभी जाहिर ही नहीं कर पाते. ये हादसे उनसे सब कुछ छीन लेते हैं और उन्हें इसे बर्दाश्त करने के लिए और साहस मिलता है, जिसके सहारे वो आगे बढ़ते रहते हैं. जब तक ये किसी के साथ होता नहीं, तब तक वो समझ नहीं सकता. हमें करुणामय समाज चाहिए.