Chandigarh/Alive News: भारतीय पुरुष टीम के बाद अब महिला हॉकी टीम ने भी सोमवार को इतिहास रच दिया। जीत ने साबित कर दिया कि छोरियां किसी भी रूप में कम नहीं हैं। इस जीत में हरियाणा की नौ बेटियों ने कप्तान और शाहाबाद की रानी रामपाल की अगुवाई में अपना पूरा दम लगाया। मैच जीतने के बाद सभी बेटियों ने टोक्यो से फोन पर परिजनों से बात की और कहा कि अब उनका लक्ष्य देश के लिए हॉकी में पहला स्वर्ण पदक लाना है।
भारतीय गोलकीपर और सिरसा के गांव जोधकां की बेटी सविता पूनिया ने शानदार प्रदर्शन कर ऑस्ट्रेलियाई टीम के सात पेनाल्टी कॉर्नर रोके और जीत में सबसे अहम योगदान दिया। सविता के इसी प्रदर्शन के कारण उसे ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया कहा जा रहा है। सविता के पिता महेंद्र पूनिया और मां लीलवती ने कहा कि सभी के प्रयासों से ही टीम सेमीफाइनल में पहुंची है उन्हें विश्वास है कि बेटी इस बार टीम के साथ खाली हाथ नहीं लौटेगी। वह हॉकी का सेमीफाइनल खेलेगी।
भारतीय हॉकी टीम की सदस्य सोनीपत शहर से नेहा गोयल, निशा वारसी और गोहाना से मोनिका के परिजनों ने भी जीत पर खुशी जताई। नेहा ने दो दिन पहले फोन पर कहा था कि इस बार सबका एक ही लक्ष्य है, देश की झोली में पदक डालना। निशा ने वीडियो कॉल कर कहा कि हमारा लक्ष्य फाइनल में जगह बनाकर देश को स्वर्ण पदक दिलाना है।
मोनिका की दादी चंद्रपति ने भी उम्मीद जताई कि उनकी पोती इस बार स्वर्ण पदक जीतकर लौटेगी। हिसार की उदिता और शर्मिला ने क्वार्टर फाइनल में जीत के बाद घर पर फोन किया। शर्मिला ने कहा मम्मी जी बधाई, गोल्ड मेडल लेकर ही आएंगे। वहीं उदिता ने कहा, हम बहुत खुश है। मेहनत करेंगे और जीतेंगे। कप्तान रानी रामपाल के पिता रामपाल व माता राममूर्ति, नवजोत कौर के पिता सतनाम सिंह व नवनीत के पिता बूटा सिंह ने कहा कि मैच शुरू होने से पहले उन्होंने तड़के गुरुद्वारे व मंदिर पहुंचकर टीम की जीत के लिए अरदास की।