Faridabad/Alive News : उपायुक्त यशपाल ने बताया कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार गिरते भू जलस्तर को रोकने के लिए व किसानों को अधिक पानी की खपत वाली धान की फसल की जगह दूसरी फसलें जैसे कपास, मक्का, अरहर, उडद, ग्वार, तिल, मूंगफली आदि वैकल्पिक फसलें लगाने वाले किसान प्रोत्साहन राशि पाने के पात्र होंगे।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा किसानों के कल्याण के लिए कियान्वित की जा रही है। यह किसानों के लिए लाभकारी योजाना “मेरा पानी मेरी विरासत” के तहत धान की जगह वैकल्पिक फसलों की खेती करने वाले किसानों को 7 हजार रुपये की धनराशि प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान राशि भी प्रदान की जाएगी।
उप कृषि निदेशक डाँ अनिल कुमार ने बताया कि गत वर्ष खरीफ 2020 के दौरान “मेरा पानी मेरी विरासत” के तहत फसल विविधकरण को अपनाने वाले किसान भी इस वर्ष प्रोत्साहन प्राप्त करने के पात्र होंगे। यदि वे उसी खेत में धान की जगह/बजाय वैकल्पिक फसलों मे से किसी भी फसल की बिजाई जारी रखते हैं। इस वर्ष खरीफ 2021 में पिछले वर्ष जिन किसानों ने धान की बिजाई की थी और इस वर्ष खेतों को खाली रखने वाले किसान भी प्रोत्साहन प्राप्त करने के पात्र होंगे।
डॉ० अनिल कुमार ने जिला फरीदाबाद के किसानों से आवाह्न किया है कि वे “मेरा पानी मेरी विरासत” सरकार द्वारा जारी स्कीम के तहत स्वयं के खेतों को पंजीकृत करवाकर सरकार की योजना का लाभ उठाएं। पहले इस योजना में पंजीकरण करवाने की अंतिम तिथि 25 जून 2021 थी। परन्तु अब अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 जुलाई 2021 कर दी गई है। किसान भाई सरकार द्वारा जारी इस योजना के तहत अपने खेतों का पंजीकरण करवाने के लिए अपना आवेदन पूर्ण ब्यौरा सहित पोर्टल पर 15 जुलाई 2021 तक दर्ज करवा सकते है।