November 24, 2024

मुझे पाकिस्तानी बोलने वालों को मैं शैतान ही कहूंगा : CM

चंडीगढ़ : बजट सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को राज्यपाल अभिभाषण पर धन्यवाद देते हुए सीएम मनोहरलाल ने व्यक्तिगत आक्षेपों पर निराशा जताई। बोले-‘व्यक्तिगत आक्षेपों से मैं पीड़ित हूं। मुख्यमंत्री के अलावा मैं एक नागरिक भी हूं। मुझे पाकिस्तानी बताया गया। हमने विभाजन की पीड़ा झेली है। मातृभूमि के लिए अपना व्यापार, जमीन आदि सबकुछ छोड़ा है। सोच समझकर बोलना चाहिए। ऐसा प्रचार करने वालों को मैं शरारती और शैतान ही कहूंगा। अगर किसी को कोई गलतफहमी है तो निकाल देनी चाहिए। हम एक थे, एक हैं और एक रहेंगे।’ दंगों से निबटने को लेकर खट्टर ने अपनी पीठ भी थपथपाई कि हमने सारी स्थिति को 3 दिन में कंट्रोल कर लिया। उल्लेखनीय है कि दो महीने पहले जाट नेता हवासिंह सांगवान ने खट्‌टर को पाकिस्तानी बताते हुए कहा था कि उन्हें हरियाणा की भावनाओं का नहीं पता।

मुआवजे के लिए किसान अब सरकार की ओर न देखें:प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसली नुकसान को लेकर सीएम ने किसानों से साफ शब्दों में कहा कि अगली फसल से वे मुआवजे के लिए सरकार का मुंह न देखें। केंद्र सरकार ने फसल बीमा योजना लागू की है। वे अपनी फसल का बीमा कराएं और वहीं से मुआवजा पाएं। उन्होंने कहा कि सरकार को लगभग 1000 करोड़ रुपए हर साल मुआवजे के रूप में किसानों को देने पड़ते हैं। यह बहुत बड़ी राशि है। सरकार अपना योगदान फसल बीमा के प्रीमियम में ही देगी।

पीबी 1509 धान खरीद को लेकर खट्टर का विपक्ष को जवाब : सीएम ने सदन में खुली चुनौती देते हुए कहा कि सरकार के पास 1.57 लाख मीट्रिक टन पीबी-1509 धान उपलब्ध है। इसकी रिजर्व प्राइस 1614 रुपए प्रति क्विंटल तय की गई है। अगर कोई भी सदस्य इस रेट में यह धान खरीदना चाहे तो दो दिन में विभागीय मंत्री को अपना नाम लिखवा सकता है। इसके बाद यह उन मिलर्स को यह धान यूज करने की अनुमति दे दी जाएगी, जिनके यहां यह रखा हुआ है। हालांकि सत्र में किसी ने यह मुद्दा नहीं उठाया था। सीएम ने अपनी तरफ से पिछले सत्र में किए गए हंगामे का हवाला देते हुए यह मामला सदन में रखा।

पक्ष-विपक्ष में हुई झड़प
जवाब के दौरान सीएम मनोहर लाल खट्टर को बार-बार टोकने और रोकने को लेकर सदन में पक्ष-विपक्ष के लोगों में तीखी झड़प हुई। सत्तापक्ष को गुस्सा तब आया, जब विपक्ष के नेता अभय चौटाला ने सीएम खट्टर को 3-4 बार टोक दिया। साथ ही इनेलो के उप नेता जसविंदर संधू ने भी रोक-टोक की। इस पर सत्तापक्ष की ओर से सुभाष बराला, ज्ञानचंद गुप्ता, कविता जैन समेत कई सदस्यों ने कड़ा ऐतराज जताया। स्पीकर कंवरपाल गुर्जर ने भी चौटाला से अपनी सख्त नाराजगी जताई। इस पर अभय चौटाला ने कहा कि सीएम चाहें जितना बोलें, उनकी अब कोई रोक-टोक नहीं होगी। वे अपनी बात अन्य अवसरों पर रखेंगे।

इनेलो आज पंजाब सरकार बर्खास्ती की करेगी मांग
एसवाइएल के मुद्दे पर पंजाब की मनमानी पर इनेलो सांसदों व विधायकों का एक प्रतिनिधिमण्डल शनिवार दोपहर को एसवाईएल के मुद्दे पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिल कर एक ज्ञापन सौंपेगा। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला करेंगे। चौटाला ने कहा कि पंजाब ने एसवाइएल पर जो रवैया अपनाया वह संघीय ढांचे पर प्रहार है। इसलिए पंजाब सरकार को तुरंत बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल फरवरी में जाटों सहित पांच जातियों को आरक्षण दिए जाने की मांग के दृष्टिगत हुए आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन करने की भी मांग करेगा।

कांग्रेस बोली-दोनों प्रदेशों की सरकार हो बर्खास्त
इधर विधानसभा से बाहर पत्रकारों से बातचीत में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पंजाब सरकार और हरियाणा सरकार को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। पंजाब सरकार जहां संघीय ढांचे के विपरीत काम कर रही है, वहीं हरियाणा सरकार प्रदेश के हित सुरक्षित रखने में नाकामयाब रही है। ऐसे में अब वक्त आ गया कि दानों राज्यों में अब राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।

बाकी 3 सदस्यों का निलंबन रद्द नहीं होता, तब तक सदन में नहीं जाएंगे : कांग्रेस
विधानसभा से निलंबन रद्द करने के बाद भी कांग्रेस विधायक पांचवें दिन भी लगातार सत्र से अनुपस्थिति रहे। विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जब तक उनके तीनों सदस्य पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा, जयवीर वाल्मीकि और जगबीर मलिक का निलंबन रद्द नहीं होगा तब तक वे कार्यवाही में भाग नहीं लेंगे। राज्यपाल के अभिभाषण की प्रतियां फाड़ने पर कांग्रेस के इन तीनों विधायकों को विधानसभा से छह के लिए निलंबित किया गया है। हुड्डा ने कहा कि यह सरकार मनमाने तरीके से सदन चला रही है। कांग्रेस विधायकों ने शुक्रवार को भी सदन के सामने बैठ कर धरना दिया।

जातीय दंगों में अपनी भूमिका भी स्पष्ट करे सरकार: तंवर
आरक्षण आंदोलन की आड़ में हुए जातीय दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद कांग्रेस ने पलटवार किया है। पार्टी ने कहा कि इन दंगों में सरकार अपनी भी भूमिका स्पष्ट करे कि वह क्यों मूकदर्शक बनी रही? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने सीएम मनोहर लाल खट्टर के बयान पर आपत्ति करते हुए कहा कि यह एक सामाजिक आंदोलन था। इसमें कुछ उपद्रवियों ने हिंसक घटनाएं करने प्रदेश की शांति और भाईचारे को भंग करने का प्रयास किया। जहां तक सीएम हमारे एक नेता पर मुकदमा दर्ज होने की बात कर रहे हैं तो मुकदमे इनेलो और अन्य दलों के कार्यकर्ताओं पर भी दर्ज हुए हैं। सर्वदलीय मीटिंग में कांग्रेस के शामिल नहीं होने के सवाल पर तंवर ने कहा कि सरकार की मंशा ही नहीं थी कि एसवाईएल और जाट आरक्षण जैसे गंभीर मुद्दों में कांग्रेस को साथ ले।