New Delhi/Alive News : दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल के डॉक्टर से तकरीबन पांच लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. हालांकि, ठगी के पांच में से करीब सवा तीन लाख रुपये डॉक्टर को वापस भी मिल गए हैं. ऐसा क्यों और कैसे हुआ, इस संबंध में डिप्टी पुलिस कमिश्नर, साइबर क्राइम ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी है. ठगों ने डॉक्टर को मोबाइल सिम बंद होने का झांसा देकर ओटीपी लिया और फिर खाते से पैसे गायब कर दिए.
जानकारी के मुताबिक एम्स के डॉक्टर चेतन कुमार से 4 लाख 90 हजार रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. हालांकि सवा तीन लाख रुपये डॉक्टर को वापस भी मिल गए हैं. बताया जाता है कि डॉक्टर चेतन को एक फोन कॉल आई. कॉल करने वाले ने उनसे कहा कि उनका सिम कार्ड ब्लॉक हो जाएगा. डॉक्टर चेतन उसके झांसे में आ गए. कॉल करने वाले ने सिम को बंद होने से बचाने के लिए फोन पर आया ओटीपी बताने के लिए कहा.
डॉक्टर चेतन उसके झांसे में आ गए और ओटीपी बता दिया. फिर क्या था, डॉक्टर चेतन के खाते से 4 लाख 90 हजार रुपये की ठगी हो गई. डीसीपी साइबर क्राइम अन्येश रॉय ने बतया कि ठगी के सवा तीन लाख रुपये इसलिए वापस हो पाए क्योंकि घटना की जानकारी 155260 पर जल्दी दे दी गई. शिकायत दर्ज होते ही ठगी में इस्तेमाल पोर्टल, एप, या बैंक को अलर्ट भेजा गया और फिर रकम को ठगों के खाते में पहुंचने के पहले ही रोक दिया गया.
डीसीपी ने कहा कि ऐसी किसी भी ठगी की सूचना साइबर सेल के हेल्पलाइन 155260 पर देते समय नाम, घटना का समय, खाता नंबर की जानकारी देनी होती है. गौरतलब है कि कोरोना काल में ज्यादातार काम ऑनलाइन हो रहे हैं तो धोखाधड़ी भी बढ़ी है. भारत सरकार ने इंटरनेट बैंकिंग समेत ऑनलाइन फाइनेंस से संबंधित धोखाधड़ी की शिकायत करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 155260 जारी किया है.
पुलिस के मुताबिक अगर धोखाधड़ी के 24 घंटे से ज्यादा हो गए तो पीड़ित को नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर एक औपचारिक शिकायत करनी चाहिए. अगर फ्रॉड हुए 24 घंटे से कम समय हुआ है तो ऑपरेटर फॉर्म भरने के लिए अपराध का डिटेल और पीड़ित की निजी जानकारी मांगेगा.