Palwal/Alive News : नियमित योगाभ्यास से लाभ तभी होगा जब हम उसे पहले किसी योग प्रशिक्षक की देखरेख में सीखें । योगाभ्यास करने से पूर्व एवम योग करते समय एवम अभ्यास के बाद नियमो का पालन अवश्य करना चाहिए। जिला आयुष अधिकारी डॉक्टर मंजू कुमारी ने बताया की सातवां अंतराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाएगा।
जिला आयुष विभाग पलवल के योगाचार्य डॉक्टर रामजीत ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि योगाभ्यास करने से पूर्व एवम योग करते समय एवम अभ्यास के बाद नियमो का पालन अवश्य करना चाहिए।
अभ्यास से पूर्व के नियम
शौच कर्म से निवृत होना ,शौच का अर्थ है शोधन,जो योग अभ्यास के लिए एक महत्त्वपूर्ण एवम पूर्व अपेक्षित क्रिया है। योग का अभ्यास शांत वातावरण में आराम के साथ शरीर एवम मन को शिथिल करके करना चाहिए। योगाभ्यास खाली पेट अथवा अल्पाहार लेकर करना चाहिए।यदि अभ्यास के समय कमजोरी महसूस करें तो गुनगुने जल में थोड़ी शहद मिलाकर लेनी चाहिए। अभ्यास करने के लिए चटाई, दरी,कंबल अथवा योग मैट का प्रयोग करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि अभ्यास करते समय शरीर को गतिविधि आसानी से हो,इसके लिए हल्के सूती और आरामदायक वस्त्रों को प्राथमिकता के साथ धारण करना चाहिए। थकावट,बीमारी,जल्दबाजी एवम तनाव की स्थितियों में योग नहीं करना चाहिए। यदि पुराने रोग,पीड़ा एवम हृदय संबंधी समस्याएं हैं तो ऐसे स्थिति में योग शुरू करने से पूर्व चिकित्सक अथवा योग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। गर्भावस्था एवम मासिक धर्म के समय योग करने से पहले योग विशेषज्ञ से परामर्श किया जाना चाहिए।
अभ्यास के समय के नियम
योगाचार्य ने बताया कि अभ्यास सत्र किसी प्रार्थना अथवा स्तुति से प्रारंभ करना चाहिए। क्योंकि प्रार्थना अथवा स्तुति मन एवम मस्तिष्क को शिथिल करने के लिए शांत वातावरण निर्मित करते है। योग अभ्यासों को आरामदायक स्थिति में शरीर एवम श्वास प्रश्वास की सजगता के साथ धीरे धीरे प्रारंभ करना चाहिए। अभ्यास के समय श्वास प्रश्वाश की गति नहीं रोकना चाहिए ,जब तक की आपको ऐसा करने के लिए विशेष रूप से कहा न गया हो। श्वास प्रश्वास हमेशा नासरंध्रों से ही लेना चाहिए,जब तक कि आपको अन्य विधि से श्वास प्रश्वाश लेने के लिए न कहा जाय। अभ्यास के समय शरीर को शिथिल रखें,किसी प्रकार का झटका प्रदान नहीं करें। अपनी शारीरिक एवम मानसिक क्षमता के अनुसार ही योग अभ्यास करना चाहिए। अभ्यास के अच्छे परिणाम आने में कुछ समय लगता है,इसीलिए लगातार और नियमित अभ्यास बहुत आवश्यक है। योग सत्र का समापन सदैव ध्यान एवम गहन मौन तथा शांति पाठ से करना चाहिए।
अभ्यास के बाद के नियम
योगाचार्य डॉक्टर रामजीत अभ्यास के 20 से 30 मिनट के बाद स्नान किया जाना चाहिए। अभ्यास के 20 से 30 मिनट बाद ही आहार ग्रहण करना चाहिए। जिला आयुष अधिकारी ने जिले की जनता से अपील की है की योगाभ्यास के इन नियमों को अधिक से अधिक व्यक्तियों को बताएं एवम पालन करें जिससे की योगाभ्यास से लाभ उठाया जा सके और स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सके।