December 23, 2024

छात्रों के अधिकारों के लिए हर मंच पर दिग्विजय चौटाला ने किया संघर्ष, दिलाया युवाओं का हक

Chandigarh/Alive News: ऊंची उड़ान भरने वाले परिंदे कभी ऊपर झांककर आसमान की ऊंचाई नहीं नापतेवे बस उड़ते रहते हैंअपने संघर्ष की दीवार को आसमां तक बनाने के लिए। ऐसी ही उड़ानजननायक जनता पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश प्रधान महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला ने वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में भिवानी में अपने पिता के लिए चुनाव प्रचार करके भरी। कम उम्र में दिग्विजय ने अपने संघर्ष के दम पर न केवल छात्र संगठन इनसो को नये मुकाम पर पहुंचाया बल्कि जेजेपी की एक मजबूत कड़ी बने। दिग्विजय के नेतृत्व में आज युवा तमाम सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्यों से लेकर राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे है। दिग्विजय चौटाला का संघर्ष ही हैजिसकी बदौलत उन्हें आज पार्टी में एक बड़ी जिम्मेदारी निभाने का अवसर मिला।

 

जब छात्रों की आवाज बने दिग्विजय…
दिग्विजय चौटाला के अब तक के राजनीतिक सफर पर नजर डाली जाए तो 5 अगस्त 2013 में दिग्विजय को इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेवारी सौंपी गई थी और इसके बाद उन्होंने राजनीति के क्षेत्र में पलट कर नहीं देखा। इनसो अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही दिग्विजय चौटाला ने हरियाणा के सभी जिलों में “युवा चेतना यात्रा” निकालकर युवाओं के हक में आवाज बुलंद की। इसी यात्रा का असर था कि दिग्विजय चौटाला के नेतृत्व में इनसो ने प्रदेश के छात्रों में एक नई पहचान बनाई और युवाओं, छात्रों के अधिकारों के लिए हर मंच पर लगातार संघर्ष किया।

 हरियाणा में एक समय में सबसे बड़ा मुद्दा छात्र संघ चुनाव था। छात्रों की इस मांग को लेकर दिग्विजय ने प्रदेशभर में एक लंबा आंदोलन चलाया। दिग्विजय इकलौते छात्र नेता थे जिन्होंने प्रदेश के हर कॉलेज, विश्वविद्यालय में जाकर छात्रों की आवाज को बुलंद किया। वर्ष 2018 में वे चुनाव बहाली की मांग को लेकर हिसार के गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय (जीजेयू) में पांच दिनों तक आमरण अनशन पर बैठे। दिग्विजय चौटाला के मजबूत आंदोलन के कारण ही हरियाणा में 1996 के बाद छात्र संघ के चुनावों की घोषणा हुई जो कि छात्र वर्ग की सबसे बड़ी जीत थी। इसके बाद दिग्विजय के नेतृत्व में दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब, जयपुर विश्वविद्यालयों के छात्र संघ के चुनावों में इनसो उम्मीदवारों ने जीत के परचम लहराए।

सामाजिक सरोकार के कार्यों में हमेशा आगे दिग्विजय…
दिग्विजय चौटाला न केवल निरंतर छात्र हितों को लेकर कार्य करते आएं है बल्कि इन्होंने अपने छात्र संगठन इनसो को तमाम सामाजिक गतिविधियों में भी अग्रणी रखा। उन्होंने रोहतक में दिसंबर, 2013 में सर्वाधिक 10 हजार 883 लोगों को नेत्रदान करवा कर इनसो का नाम गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज करवाया। दिग्विजय चौटाला ने हर वर्ष इनसो के स्थापना दिवस को सामाजिक सरोकार से जोड़कर मनाने का कार्य किया। हर वर्ष रक्तदान शिविर, पौधा रोपण, आवारा पशुओं की सुरक्षा तथा सड़क हादसों को रोकने के लिए रिफ्लेक्टर लगाने, खेल व शिक्षा क्षेत्र से जुड़े युवाओं को सम्मानित कर उन्हें प्रोत्साहित करने जैसे कार्यक्रमों का निरंतर आयोजन करवाया।   


दिग्विजय चौटाला के नेतृत्व में इनसो ने पिछले साल इनसो के 18वें स्थापना दिवस पर कोरोना महामारी के समय में खून की आवश्यकता को देखते हुए प्रदेशभर में रक्तदान शिविर आयोजित कर करीब पांच हजार यूनिट रक्त एकत्रित किया। सभी जिलों में पर्यावरण संतुलन के लिए 15 हजार से अधिक पौधे भी लगाए गए। इसके साथ-साथ संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए प्रदेशभर में गांव, शहर, कस्बों को सेनेटाइज करने का काम किया।

 
पिछले वर्ष कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन में जेजेपी ने दिग्विजय चौटाला के नेतृत्व में प्रदेशभर में हेल्पलाइन शुरू की थी, जिसे दिग्विजय ने निरंतर मॉनिटर करते हुए लॉकडाउन में फंसे लोगों तक हर संभव मदद पहुंचाई। संकट के समय में इनसो से जुड़े युवाओं ने प्रदेशभर में अपनी हेल्पलाइन के जरिये राहत पहुंचाने का कार्य किया। जरूरतमंदों तक राशन आदि आवश्यक समान पहुंचाने के साथ-साथ सेनेटाइजर, मास्क आदि बांटकर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई को और मजबूत किया।

अब जेजेपी में प्रदेश प्रधान महासचिव के पद की नई जिम्मेदारी मिलते ही दिग्विजय चौटाला ने सबसे पहले सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्य करने का निर्णय लिया हैं। कोरोना महामारी के इस संकट के समय में जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाने के लिए दिग्विजय चौटाला ने प्रदेशभर में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बड़ी टीम खड़ी की है। इतना ही नहीं बकायदा दिग्विजय चौटाला के नेतृत्व में हर जिले में हेल्पलाइन नंबर के जरिये मदद पहुंचाई जाएगी जिसमें सहायता मांगने वाले जरूरतमंदों तक ऑक्सीजन, बेड, प्लाज्मा, मास्क, सेनेटाइजर, राशन तथा आवश्यक वस्तुओं संबंधित हर संभव मदद पहुंचाई जाएगी।


दिग्विजय ऐसे आए राजनीति में…
हिसार के शर्मा अस्पताल में 20 फरवरी 1991 को जन्मे दिग्विजय सिंह चौटाला ने अपनी प्राथमिक शिक्षा सिरसा के सेंट जेवियर स्कूल में प्राप्त करने के बाद पांचवी कक्षा में हिमाचल के सनावर स्कूल में दाखिला ले लिया।। इसके बाद कक्षा सातवीं में दिग्विजय चौटाला ने दिल्ली के मथुरा रोड स्थित डीपीएस स्कूल में दाखिला ले लिया और 12वीं तक की पढ़ाई उन्होंने डीपीएस में पूरी की। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए दिग्विजय सिंह चौटाला इंग्लैंड चले गए। उन्होंने वहां कॉर्डिफ यूनिवर्सिटी में कोर्स करने के बाद लंदन के मिडलसेक्स यूनिवर्सिटी में लॉ पाठ्यक्रम में दाखिला ले लिया।

इसी दौरान कांग्रेस द्वारा रचे गए षड्यंत्र के तहत दिग्विजय को उनके दादा ओमप्रकाश चौटाला और पिता डॉ. अजय सिंह चौटाला के जेल जाने के बाद अपनी पढ़ाई छोड़ कर विदेश से वापस आना पड़ा और उन्हें इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेवारी सौंपी गई। दिग्विजय सिंह चौटाला ने राजनीति में पहली सक्रिय भागीदारी वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में भिवानी में दिखाई और उन्होंने अपने पिता के लिए चुनाव प्रचार किया।


जब जींद उपचुनाव में दिग्विजय ने दिखाया दम…
दिग्विजय चौटाला वही राजनेता हैं, जिन्होंने वर्ष 2019 में हुए जींद उपचुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपना दम दिखाया। दरअसल, जेजेपी को इस उपचुनाव में मात्र 40 दिन का समय मिला था लेकिन युवा उम्मीदवार दिग्विजय चौटाला को करीब 38 हजार वोट प्राप्त हुए। जिसमें राहुल गांधी, भूपेंद्र हुड्डा,  अशोक तंवर, किरण चौधरी और कैप्टन अजय यादव सहित कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता रणदीप सुरजेवाला के साथ थे लेकिन उनकी जमानत भी बड़ी मुश्किल से बच पाई। पूरे देश ने देखा कि सारे कांग्रेसी मिलकर भी दिग्विजय चौटाला से मुकाबला नहीं कर पाए थे।