New Delhi/Alive News : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) पेपर लीक के नए मॉड्यूल मामले में क्राइम ब्रांच की विशेष जांच दल (एसआइटी) ने मंगलवार को बाहरी दिल्ली स्थित मदर खजानी कॉन्वेंट स्कूल, मुंगेशपुर के प्रधानाचार्य समेत स्कूल की परीक्षा कमेटी के एक सदस्य व तीन पर्यवेक्षकों से पूछताछ की। प्रधानाचार्य से दो बार पहले भी पूछताछ की जा चुकी है। इन लोगों से पूछताछ में प्रश्नपत्र लीक करने में पैसों के लेनदेन की बात सामने नहीं आई है।
इस मामले में क्राइम ब्रांच स्कूल के दो शिक्षक ऋषभ व रोहित समेत कोचिंग सेंटर चलाने वाले उनके दोस्त को गिरफ्तार कर चुकी है। अभी किसी और को गिरफ्तार नहीं किया गया है। क्राइम ब्रांच के अधिकारी का कहना है कि सीबीएसई को जब पता चला था कि कुछ स्कूलों में निर्धारित समय से पहले 9.45 बजे ही प्रश्नपत्र खोलकर उसे वाट्सएप पर सकरुलेट कर दिया जाता है। तब सीबीएसई ने 13 मार्च को नया गाइड लाइन जारी करते हुए सभी स्कूलों को निर्देश दिया था कि स्कूल प्रबंधन 10 बजे ही कमेटी के सदस्यों व पर्यवेक्षकों के सामने प्रश्नपत्र खोले। बावजूद इसके मदर खजानी कॉन्वेंट स्कूल ने गाइड लाइन का पालन नहीं किया था। स्कूल में 26 मार्च को 12वीं की अर्थशास्त्र परीक्षा वाले दिन सुबह 9.15 बजे ही प्रश्नपत्र खोल दिया गया था।
प्रधानाचार्य, कमेटी के सदस्यों व पर्यवेक्षकों ने प्रश्नपत्र पहले खोलने की बात तो स्वीकार की है लेकिन पैसे लेकर पेपर लीक करने की बात से साफ इंकार कर दिया है। क्राइम ब्रांच के अधिकारी का कहना है कि इस मामले में सीबीएसई को ही गाइड लाइन का पालन न करने पर स्कूल की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई करनी चाहिए। क्राइम ब्रांच का कहना है कि स्कूल की परीक्षा कमेटी में तीन महिला शिक्षक भी शामिल हैं। उनसे भी जल्द पूछताछ की जाएगी।
ज्ञात रहे सीबीएसई पेपर लीक के दो मुख्य मामले (12 वीं अर्थशास्त्र व 10 वीं गणित) में क्राइम ब्रांच को अबतक कोई सुराग नहीं मिला है। दो अलग-अलग डीसीपी के नेतृत्व में पुलिस अधिकारी पिछले एक सप्ताह से 200 से अधिक छात्रों व अन्य से पूछताछ कर चुकी है। लेकिन पुलिस यह पता नहीं लगा पाई है कि उक्त पेपर लीक के मुख्य सूत्रधार कौन हैं। दो दिन पहले जब पेपर लीक हुए थे उस समय प्रश्नपत्र बैंकों में जमा रहते हैं। पुलिस को शक है कि मुख्य पेपर लीक में सीबीएसई, प्रिंटिंग पेस व बैंकों के कर्मचारी ही शामिल हो सकते हैं।