December 26, 2024

लापरवाही : बोर्ड परीक्षा के एडमिट कार्ड में कहीं जन्मतिथि गलत तो कहीं नाम

Rohtak/Alive News : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड 7 मार्च से वार्षिक परीक्षाएं कराने जा रहा है। 10वीं व 12वीं कक्षाओं में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के लिए बोर्ड प्रबंधन ने व्यापक तौर पर सख्ती बरतने की तैयारी की है। परीक्षाओं से एक सप्ताह पूर्व बोर्ड द्वारा जारी एडमिट कार्ड में भारी गड़बड़ी सामने आई है। इसमें किसी विद्यार्थी को अपनी मूल जन्मतिथि से 28 साल बढ़ा दिखाया है, तो किसी के माता या पिता के नाम में त्रुटियां सामने आ रही हैं। बिना एडमिट कार्ड में गलती सुधरवाए बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं होने देगा।

– वहीं प्रति गड़बड़ी दूर कराने के लिए बोर्ड ने 300 रुपए से एक हजार रुपए तक निर्धारित कर रखे हैं। ऐसे में विद्यार्थी बोर्ड के सामने लुटने को मजबूर हैं।
– बोर्ड चेयरमैन का कहना है कि हमने विद्यार्थियों को खूब मौके दिए, लेकिन फिर गलतियां ठीक नहीं की गईं।
-अब लेट फीस तो भरनी ही पड़ेंगी। बोर्ड प्रबंधन का कहना है कि स्कूल के मुख्याध्यापकों ने ऑनलाइन फीडिंग में गलती की है, जबकि मुख्याध्यापकों ने बताया कि हमने सही जानकारी भरी थी, बोर्ड स्तर से गड़बड़ी हुई है।

जन्मतिथि में 28 साल बढ़ा दी उम्र
10वीं कक्षा की छात्रा पूजा ने बताया कि एडमिट कार्ड में मेरी जन्मतिथि 25/5/1970 लिखी हुई है। मेरी वास्तविक उम्र 25/5/1998 है। मैंने एडमिट कार्ड में देखा तो मेरी उम्र 48 साल देख कर परेशान हो गई। अब गलती ठीक कराने के लिए 300 रुपए मांगे जा रहे हैं।

आधार नंबर कर दिया गलत
छात्रा डिंपी ने बताया कि उसे भी 10वीं कक्षा की परीक्षा देनी है। एडमिट कार्ड स्कूल से मिला तो इसमें आधार नंबर गलत लिख दिया है। मुझे बताया गया है कि आधार में गड़बड़ी मिली तो सेंटर में प्रवेश नहीं मिलेगा। अब मुझसे 300 रुपए गलती सुधरवाने के लिए मांगे जा रहे हैं।

बोर्ड नहीं मानता गलती, सरकार बरते सख्ती : अहलावत
हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ संबंधित हरियाणा कर्मचारी महासंघ के वरिष्ठ उप प्रधान दिलबाग अहलावत ने बताया कि सरकारी स्कूलों में गरीब घरों के बच्चे पढ़ते हैं, जो फीस तक नहीं दे सकते हैं। वैसे तो आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए बाेर्ड ने शुल्क कम रखा हुआ है। परीक्षा के ऐन वक्त पर एडमिट कार्ड में प्रति गलती 300 रुपए लेना लूटने जैसा है। फीस न दे पाने पर अभिभावक फीस देने से मना कर देते हैं। ऐसे मौकों पर बोर्ड गलती नहीं मानता है। सरकार का बोर्ड पर नियंत्रण रहता है। इसलिए सरकार ध्यान देते हुए सख्ती बरते, ताकि विद्यार्थियों को लुटने से बचाया जाए।

स्कूलों ने गलत जानकारी फीड की : बोर्ड चेयरमैन
बोर्ड चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह ने बताया कि एडमिट कार्ड के लिए स्कूलों से ऑनलाइन फार्मेट के कॉलम में जानकारी मांगी गई थी। स्कूलों के मुखियाओं ने जानकारी ही गलत भरी है, तो एडमिट कार्ड में गलतियां मिलनी तय है। अब तो प्रति गड़बड़ी ठीक कराने के लिए 300 से एक हजार रुपए तक भरने ही होंगे। अन्यथा परीक्षार्थियों को सेंटर में पेपर देने में दिक्कत आएगी।