November 23, 2024

‘एकीकृत नीति’ से मजबूत होगा स्कूली शिक्षा का ढांचा

New Delhi/Alive News : बिखरी हुई स्कूली शिक्षा को एकीकृत करने का काम शुरू हो गया है। इसका सबसे बड़ा फायदा बच्चों को मिलेगा, जिन्हें अब नर्सरी से 12वीं तक एक जैसी शिक्षा मिलेगी। अभी स्कूली शिक्षा अलग-अलग स्तरों में बंटी हुई है। ऐसे में इसकी निगरानी से पाठ्यक्रम तक तैयार करने का जिम्मा प्रत्येक स्तर पर अलग-अलग हाथों में होता है। स्कूली शिक्षा को एकीकृत करने की घोषणा सरकार ने बजट में की थी।

इस पहल के तहत स्कूली शिक्षा का हिस्सा नर्सरी भी होगा। अभी यह किसी का हिस्सा नहीं था। नर्सरी से 12वीं तक स्कूली शिक्षा के संचालन की अब एक नीति होगी। अभी इसका संचालन शिक्षा का अधिकार (आरटीई), सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान जैसी अलग-अलग योजनाओं के तहत होता है। ऐसे में पूरी स्कूली शिक्षा के बीच कोई तालमेल नहीं बन पा रहा है। इसका असर स्कूली शिक्षा के अलग-अलग स्तरों पर दिखाई देता था। इसके चलते पांचवी से निकलने के बाद बच्चों के ड्राप आउट का प्रतिशत बढ़ जाता था।

जो नौवीं तक आते-आते काफी बढ़ जाती है। बच्चे फेल भी होते हैं। पाठ्यक्रम के निर्धारण को लेकर भी अभी तक विभिन्न स्तरों पर अलग-अलग नीति थी। लेकिन नई नीति आने के बाद नर्सरी से 12वीं तक के पाठ्यक्रम का निर्धारण एक जगह से होगा। स्कूली शिक्षा की एकीकृत नीति को लेकर काम कर रही टीम की मानें तो इन्हीं सारी भिन्नताओं को देखते हुए सरकार ने इसे एक दायरे में लाने का फैसला लिया है। इसके तहत पूरी स्कूली शिक्षा जहां आरटीई के दायरे में आ जाएगी, वहीं इससे राज्यों को मिलने वाली वित्तीय मदद में भी भारी बढ़ोत्तरी होगी। अभी आरटीई के दायरे में पहली से आठवीं तक की ही शिक्षा को रखा गया है। इसके अलावा इनमें मिड-डे मील और शिक्षकों के प्रशिक्षण जैसी योजनाएं को भी शामिल किया जाएगा। इसके चलते स्कूली शिक्षा की निगरानी भी मजबूत होगी।