December 21, 2024

16 लाख छात्र पुरानी किताबों से पढ़ने को मजबूर, विभाग सुस्त

Chandigarh/Alive News : अगले शैक्षणिक सत्र में कक्षा पहली से 8वीं तक करीब 16 लाख स्टूडेंट्स फटी-पुरानी पुस्तकों से पढ़ेंगे, क्योंकि इस बार भी समय पर स्कूलों तक पुस्तकें पहुंचने की संभावना नहीं है। शिक्षा निदेशालय की ओर से इसके संकेत दे दिए गए हैं। ऐसे में चल रहे शैक्षणिक सत्र में पढ़ रहे बच्चों की पुस्तकें वापस स्कूलों में जमा की जाएंगी। यही पुस्तकें अगली कक्षा में बढ़ने वाले स्टूडेंट्स को दी जाएंगी।

– निदेशालय की ओर से सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों, जिला परियोजना समन्वयक, स्कूलों के मुखियाओं और प्रभारियों को आगाह किया कि वार्षिक परीक्षा खत्म होते ही सभी बच्चों से पुस्तकें लेकर पुस्तकालय में जमा कर ली जाएं।
– ताकि नई पुस्तकों के पहुंचने तक बच्चों को पुरानी पुस्तकों से पढ़ाया जाएगा। आरटीई एक्ट के तहत कक्षा पहली से 8वीं तक के बच्चों को निशुल्क पुस्तकें मिलती हैं।

हर साल देरी से पहुंचती हैं पुस्तकें
प्रदेश में पिछले शैक्षणिक सत्रों में कभी भी स्टूडेंट्स को समय पर पुस्तकें नहीं मिली हैं। सत्र अप्रैल से शुरू होता है, लेकिन उनके हाथों तक पुस्तकें जुलाई तक पहुंचती हैं। ऐसे में अप्रैल और मई के दो महीनों के अलावा जून का पूरा महीना निकल जाता है। दो महीने बच्चे स्कूल में खाली बैठकर घर लौटते हैं।

समय पर पुस्तक देना सरकार और विभाग की जिम्मेदारी
– स्कूलों में बच्चों को पुस्तकें दिए काफी समय हो गया।
– ऐसे में पुस्तकें फट चुकी हैं। खासकर पहली से तीसरी कक्षा तक के बच्चों की। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष तरुण सुहाग का कहना है कि फटी पुस्तकों से बच्चे कैसे पढ़ पाएंगे।
– इसके अलावा इन कक्षाओं का कोर्स ऐसा है, बच्चों को पुस्तक में ही रिक्त स्थान भरने होते हैं, जो पहले ही भरे जा चुके हैं। सरकार और विभाग को समय पर पुस्तकें देनी चाहिए।

बच्चों को इस साल दी गई पुस्तकें परीक्षा के बाद ली जाएंगी वापस
पुस्तकों को लेकर सभी तैयारियां हैं। पुस्तकें समय पर पहुंचाई जाएंगी, लेकिन यदि कुछ समय लगता है तो पुरानी पुस्तकों से पढ़ाया जाए। कम से कम बच्चे कुछ तो सीखेंगे। इसे देखते हुए यह आदेश दिए गए हैं।
-राजीव रत्तन, निदेशक, सेकंडरी एजुकेशन।