Faridabad / Alive News : शादियों में फिजूलखर्ची को रोकने तथा जरूरतमंद लोगों की मदद करने के मकसद से सामूहिक विवाह का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। दहेज प्रथा के खिलाफ सामाजिक संस्थाएं आगे आ रही हैं तो इससे गरीब तथा मध्यम परिवार को भी राहत मिल रही है। सामाजिक संस्थाओं के प्रयासों से आयोजित किए जाने वाले सामूहिक विवाह समारोह में विवाह योग्य लड़के-लड़कियों के परिणय सूत्र में बंध जाने से समाज को भी बेहतर संदेश मिलता है।
देव उठनी एकादशी जैसे अवसर पर पुण्य कमाने को कई संस्थाएं आगे आई हैं।1पाल बधेल सभा की पहल: पाल बघेल सभा की ओर से आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में एक साथ 51 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। घोड़ों पर सवार होकर दूल्हे हार्डवेयर चौक से नगर निगम सभागार पहुंचे, जहां दुल्हनें उनका इंतजार कर रही थीं। इस कार्यक्रम में न तो डीजे से ध्वनि प्रदूषण था और ना ही आतिशबाजी से वायु प्रदूषण।
समाज को संदेश देने वाली एक साथ हुई 51 जोड़ों की शादियों ने दहेज प्रथा जैसी कुरीति का विरोध किया और सभी ने हिन्दू रीति रिवाज के साथ मंडपों में एक साथ वरमाला डालकर सात फेरे लिए। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मास्टर पूरन सिंह बघेल, प्रधान पाल बघेल सभा फरीदाबाद ने की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उद्योगपति चेतराम बघेल तथा भिक्कन सिंह बघेल विशिष्ट अतिथि थे। उद्योगपति कर्नल दया राम बघेल, अध्यक्ष वीर चक्र विजेता शहीद महीलाल स्मारक समिति पलवल ने भी शिरकत की।
मंच संचालन अधिवक्ता रामशरण रौतेला तथा होतीलाल आर्य ने किया। बारात हार्डवेयर चौक से एक नंबर बाजार होते हुए नगर निगम सभागार पहुंची। मुख्य अतिथि उद्योगपति चेतराम बघेल व पाल बघेल सभा के अध्यक्ष पूरन सिंह बघेल ने जोड़ों को आर्शीवाद दिया। इस अवसर पर पाल बघेल सभा की ओर से आर. सी पाल, सतीश फौगाट, समाजसेवी सुरेंदर भड़ाना, समाजसेवी संतोष यादव,