Faridabad/Alive News : वार्ड-9 के ईमानदार और क्रमशील उम्मीदवार मेहरचन्द हरसाना ने अपने क्षेत्र की नंगला कालोनी और गाजीपुर गांव में अलग-अलग दो नुक्कड सभाएं की। हरसाना ने नुक्कड सभा के जरिए क्षेत्र की 22 साल पुरानी समस्याओं पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया और उन्हे पूरा करने का आश्वासन भी दिया। हरसाना ने शनिवार को अपना चुनाव प्रचार शुरू करने के पहले नंगला कालोनी के मां वैष्णव मन्दिर में माथ टेका, वहीं मन्दिर के महंत से आर्शीवाद लिया। उन्होंने मन्दिर में लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अगर उन्हे महंत का आर्शीवाद प्रसाद के रूप में मिला है तो वह जीतने के बाद मन्दिर को आने वाले रास्ते और सामने की गली को सबसे पहले पक्का कराऐंगे जिससे की मन्दिर में आने वाले श्रद्धालुओं को गंदे पानी से अशुद्ध होकर मन्दिर न जाना पड़े।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पांच साल तक वार्ड-9 के लोगों की उम्मीदों का मजाक उड़ाया है इस बार उन्हे इस मजाक का सबक जनता जरूर देगी। नंगला कालोनी में लोग 22 साल से नरकीय जीवन जीने को विवश है। उसका कारण भी निवत्र्तमान पार्षद हैं। उन्होंने कहा कि नंगला इक्लेव पार्ट-1, 2 और नंगला कालोनी के लोगों को चलने के लिए खडंजे तक नही और निवत्र्तमान पार्षद के घर में भैंस भी फर्स पर बैठती हैं। जो नेता मनुष्य और जानवर में फर्क नहीं समझता वह जनता की क्या सेवा करेगा। इस मौके पर निकी बाबा, जीतराम पोसवाल, सिंह राज, मनोज, आनन्द भारद्वाज, चन्द्रभान, सतवीर, दयाराम, मनोज शर्मा, प्रमोद गुप्ता, आनन्द यादव और गणेश मिश्रा आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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मैं नंगला में पार्षद के घर भी गई थी, मैंने अपनी विधवा पेंशन के लिए किस-किस अधिकारी का दरवाजा नहीं खटखटाया लेकिन मेरी पेंशन नहीं मिली। मैं पिछले एक साल से अपनी पेंशन को लेकर चक्कर लगा रही हूं। इतना ही नहीं मेरे पति का स्वर्गवास हुए 12 साल हो चुके है। मैं अपने बच्चों के साथ विधवा पेंशन से गुजारा करती आ रही थी लेकिन एक साल से अब तो गुजारा भी नहीं हो रहा है। यह कहना था, नंगला कालोनी निवासी गायत्री देवी का जो बीपीएल कार्ड से अनाज लेकर अपने बच्चों का पेट भरती थी, पिछले चार साल से पता नहीं किस ने उसके बीपीएल कार्ड को कटवा दिया है। गायत्री पत्नी स्व. ओमप्रकाश ने यह भी बताया कि मैं नंगला गांव में पार्षद के यहां अपनी फरियाद लेकर कई बार गई लेकिन आश्वासन के सिवाए मुझे कुछ नहीं मिला। हार कर मैं मेहनत मजदूरी से अपने बच्चों का पेट पाल रही हूं। जब गायत्री से हमारे संवाददाता ने नगर निगम चुनाव के बारे में बात की तो उसने कहा कि भईया मेरा पूरा दिन अपने बच्चों के लिए मजदूरी करने में निकल जाता है मैं एक पास के कब्बाडे के गोदाम में काम करती हूं मुझे क्या पता चुनाव क्या होता है। हमारे संवाददाता ने पहचान पत्र के बारे में पूछा तो उसने बताया कि हां मेरा पहचान पत्र बना हुआ है वोट देने के सवाल पर कहा कि जो मेरे बीपीएल कार्ड और पेंशन को नहीं बनवा सका वो पार्षद बनने लायक नहीं है।