Faridabad/Alive News: रामनवमी के पवित्र अवसर पर सतयुग दर्शन वसुंधरा में आयोजित हवन के बाद कई नवजात शिशुओं के नामकरण, चोला डालने और मुण्डन संस्कार हुए। आज श्रद्धालुओं की भीड़ सफ़ेद पोशाक और गुलानारी दुपट्टों में समर्पित भाव से आई थी। इस अवसर पर सजन जी ने ब्रह्म पद की महत्ता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ब्रह्म ही सर्वोच्च पद है, और यह प्रत्येक मानव जीवन का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। इस पद की प्राप्ति के लिए निष्काम भाव से ब्रह्म विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करें, और ब्रह्म के व्याप्त होने का सत्य अपने दिल से स्वीकार करें।
सजन जी ने शास्त्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि ब्रह्म नाम और ब्रह्म ध्यान ही सच्चे आत्मज्ञान का मार्ग हैं। हमें ध्यान से ब्रह्म विचारों को पकड़ते हुए आत्मा के प्रकाश का अनुभव करना चाहिए। जब हम अपने मन-मंदिर में इस दिव्य प्रकाश का अनुभव करते हैं, तब हमें यह एहसास होता है कि ब्रह्म ही प्रत्येक प्राणी में व्याप्त है। इस सत्य को समझते हुए हमें अपने दृष्टिकोण और व्यवहार को बदलना होगा, ताकि हम जीवन में सच्चे ब्रह्म का अनुभव कर सकें।
सजन जी ने यह भी कहा कि शास्त्रों के अनुसार, जो ब्रह्म के विचारों को पकड़ता है, उसकी दृष्टि में एक नई जागरूकता उत्पन्न होती है। जब हम अपनी दृष्टि को देह और भौतिक वस्तुओं से हटाकर परमात्मा की ओर लगाते हैं, तो हमारी आँखों से सारे आवरण हट जाते हैं और हम जीवन को एक नई दृष्टि से देख पाते हैं।
उन्होंने शास्त्रों का हवाला देते हुए यह बताया कि संसार में जो निष्काम रहते हैं और हर कार्य में ब्रह्म का बोध करते हैं, वही सच्चे ब्रह्मात्मा होते हैं। सजन जी ने अंत में सभी श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि वे ब्रह्म पद को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प लें और अपने जीवन में सत्य और धर्म का पालन करते हुए, ब्रह्म के प्रकाश में अपनी चेतना को परिष्कृत करें।