February 11, 2025

पिता की संपत्ति पर बेटी भी होगी बराबर की हिस्सेदार

Delhi/Alive News: भारत में संपत्ति का अधिकार (Property Rights) एक महत्वपूर्ण विषय है, खासकर जब बात पिता की संपत्ति में बेटे और बेटी के अधिकारों की होती है। भारतीय समाज में लंबे समय तक बेटियों को संपत्ति में बराबरी का हक नहीं दिया गया था। लेकिन बदलते समय और कानूनों के सुधार से अब बेटियों को भी पिता की संपत्ति में समान अधिकार प्राप्त हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कानून के तहत बेटे और बेटी को पिता की संपत्ति में क्या-क्या अधिकार मिलते हैं और इससे जुड़े मुख्य पहलू क्या हैं।

भारत में संपत्ति के अधिकार से जुड़े कानूनों को समझना हर नागरिक के लिए जरूरी है। यह न केवल परिवारिक विवादों को सुलझाने में मदद करता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि हर व्यक्ति को न्याय मिले।

भारत में पिता की संपत्ति पर बेटे और बेटी दोनों का समान अधिकार है। हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 (Hindu Succession Act) और इसके 2005 के संशोधन ने बेटियों को भी समान अधिकार दिया है। पहले बेटियां केवल शादी से पहले तक ही पिता की संपत्ति पर दावा कर सकती थीं, लेकिन अब यह नियम बदल चुका है।

2005 में इस अधिनियम में बड़ा बदलाव किया गया, जिसने बेटियों को पैतृक संपत्ति में बराबरी का हक दिया। इस संशोधन से पहले बेटियां केवल तब तक हकदार थीं जब तक उनकी शादी नहीं हुई थी। लेकिन अब शादीशुदा या अविवाहित, हर बेटी को समान अधिकार मिलता है।