Faridabad/Alive News: जेसी बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के संचार एवं मीडिया तकनीकी विभाग द्वारा पत्रकारिता में स्नातक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों के लिए ‘एंकरिंग’ पर एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में न्यूज़-18 राजस्थान की प्रसिद्ध एंकर और मीडिया विशेषज्ञ मनुराज सक्सेना ने एंकरिंग के तकनीकी और व्यावहारिक पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने छात्रों को लाइव ब्रॉडकास्ट, भाषा, आवाज़ और आत्मविश्वास से जुड़े महत्वपूर्ण टिप्स दिए।
कार्यक्रम की शुरुआत में विभागाध्यक्ष डॉ. पवन सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, “एंकरिंग सिर्फ एक कला नहीं, बल्कि जिम्मेदारी का दूसरा नाम है। एक एंकर की आवाज़ में न केवल शब्दों की ताकत होनी चाहिए, बल्कि उसकी गहरी समझ और तथ्यात्मकता भी होनी चाहिए।” इस अवसर पर उन्होंने मनुराज सक्सेना को स्मृतिचिह्न भेंटकर सम्मानित भी किया।
विद्यार्थियों ने सीखे एंकरिंग के गुर मनुराज सक्सेना ने प्रश्नोत्तर सत्र के माध्यम से विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं और शंकाओं का समाधान किया। उन्होंने बताया कि एक प्रभावी एंकर बनने के लिए आवाज़, भाषा, शोध और समाचार प्रस्तुति पर मजबूत पकड़ होना आवश्यक है। उन्होंने विद्यार्थियों को आवाज़ और उच्चारण को सुधारने के विशेष तरीके भी सिखाए और नियमित अभ्यास के लिए प्रेरित किया। उन्होंने समझाया कि सुबह के शो में एंकर की आवाज़ कोमल और प्रभावी होनी चाहिए, जबकि दोपहर और प्राइम टाइम शो के लिए ऊर्जा से भरपूर और प्रभावशाली आवाज़ की आवश्यकता होती है। उन्होंने यह भी बताया कि भाषा पर पकड़ बेहद महत्वपूर्ण है और यदि दर्शकों से जुड़ना है, तो क्षेत्रीय भाषाओं का ज्ञान होना आवश्यक है।
मनुराज सक्सेना ने जोर देकर कहा कि एक अच्छा एंकर बनने के लिए सिर्फ बोलने की कला ही नहीं, बल्कि गहरी शोध और तथ्यात्मक ज्ञान भी ज़रूरी है। उन्होंने कहा, “यदि आपके पास जानकारी पूरी होगी, तो आत्मविश्वास स्वतः ही आ जाएगा।” उन्होंने यह भी बताया कि एक एंकर की गंभीरता उसके शब्दों और हाव-भाव में झलकनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने योग और ध्यान को दिनचर्या में शामिल करने की सलाह दी, ताकि एकाग्रता बनी रहे और लाइव शो के दौरान फोकस न डगमगाए।
जेसी बोस विश्वविद्यालय, वाईएमसीए के कुलपति प्रो. एस.के. तोमर ने कहा कि समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित होते रहने चाहिए, क्योंकि ये विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। कार्यक्रम की संयोजक और सहायक प्रोफेसर डॉ. सोनिया हुड्डा ने मनुराज सक्सेना का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सत्र विद्यार्थियों के लिए एक सीखने का बेहतर अवसर था। उन्होंने कहा कि इससे एंकरिंग के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरणा मिलेगी।