Faridabad/Alive News: एनआईटी फरीदाबाद विधायक सतीश फागना ने कहा कि श्रीमद्भगवद गीता मनुष्य को बेहतर जीवन जीना सिखाती है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता मनुष्य को जीवन में संस्कार देने वाला विश्व में सबसे बड़ा अध्यात्मिक ज्ञान का ग्रन्थ है।
एनआईटी फरीदाबाद विधायक सतीश फागना ने सेक्टर-12 स्थित कन्वेंशन सेंटर में आयोजित तीन दिवसीय जिला स्तरीय गीता महोत्सव के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर गीता महोत्सव के यज्ञ में आहुति डालकर महोत्सव का रंगारंग आगाज किया।
सर्वप्रथम एनआईटी फरीदाबाद विधायक सतीश फागना ने जिला स्तरीय गीता महोत्सव का शुभारंभ यज्ञ हवन के साथ किया गया। इसके बाद उन्होंने विभाग द्वारा आयोजित गीता प्रदर्शनी व विभिन्न विभागों तथा सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं द्वारा लगाए गए स्टालों का उद्घाटन कर उनका बारीकी से अवलोकन भी किया।
इस अवसर पर एनआईटी फरीदाबाद विधायक सतीश फागना ने कहा कि विश्व में सबसे बड़ा अध्यात्मिक ज्ञान का ग्रन्थ श्रीमद्भागवत गीता है। यह हर मनुष्य कठिन से कठिन परिस्थितियों में गीता ग्रन्थ जीवन जीने की राह दिखाती है। अगर हम गीता के संदेशों को अपने दैनिक जीवन में ढाल लें, तो यह हमें बेहतरी की ओर लेकर जाती है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में प्रदेश भर में अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव आज पूरे हरियाणा में जिला स्तर पर मनाया जा रहा है। उन्होंने अपने संबोधन में उन्होंने जिला स्तरीय गीता महोत्सव के लिए जिला प्रशासन व जिला वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी।
अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के सफल आयोजन के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत गीता ग्रंथ विश्व का सबसे बड़ा आधुनिक मनुष्य जीवन शैली पर आधारित ग्रंथ है। इस ग्रंथ के विचारों को आमजन तक पहुंचाने के लिए सरकार सराहनीय कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि गीता कोई किताब या ग्रंथ नहीं है तो हृदय में उतारे जाने वाला अमृत है जो भगवान श्री कृष्ण जी की वाणी से निकाला और वेदव्यास जी ने इसकी रचना की। गीता में 700 श्लोक एवं 18 अध्याय हैं जो न केवल जीवन जीने की कला सिखाते हैं वर्णन जीवन को धर्म के मार्ग पर रहते हुए कैसे जिया जा सके यह भी सिखाते हैं। गीता को हर नर नारी को पढ़ना चाहिए जिससे वह अपने जीवन को सुचारू रूप से धर्म के मार्ग पर चलते हुए अपने कर्तव्यों का पालन कर सके। गीता धर्म के साथ-साथ कर्म करने का मार्ग भी प्रशस्त करती है।
गीता बताती है इस धरती पर हम प्रत्येक मनुष्य किसी विशेष कारण से आए हैं और अपने धर्म को निभाते हुए कर्म के मार्ग पर चलना चाहिए और यह बात हमारे युवा वर्ग को जरूर समझनी चाहिए। गीता का चिंतन मनन करके अपने जीवन में उतरना चाहिए क्योंकि गीता सही गलत की पहचान कराती है। आज प्रत्येक हिंदू के घर में गीता का पाठ होना चाहिए तभी यह गीता महोत्सव मनाने का उद्देश्य सार्थक हो सकेगा। हर व्यक्ति को गीता जरूर पढ़नी चाहिए उससे हमारे जीवन जीने की कला मिलती है।
उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता ग्रंथ में आम मनुष्य के जीवन भर की समस्याओं का समाधान का पूरा वर्णन किया गया है। विश्व का यह सबसे बड़ा ग्रंथ है जहां स्वयं गुरु ने अपने शिष्य को गीता का उपदेश दिया। भारतवर्ष दुनिया की उपदेश के क्षेत्र में गुरु भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अपने शिष्य अर्जुन को दिए गए उपदेश के क्षेत्र में सबसे श्रेष्ठ भूमि है। भगवान श्री कृष्ण ने गुरु के रूप में अपने शिष्य अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। जब तक मानव इस धरती पर आएगा तब तक यह श्रीमद् भागवत गीता ग्रंथ का संदेश यूं ही सर्वश्रेष्ठ रहेगा।