September 20, 2024

भाजपा सांसद ने सीएम पर लगाए आरोप, कहा बंगाल सरकार मामले को दबाने की कर रही है कोशिश

Kolkatta/Alive News: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना से बंगाल सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है। कोलकाता की घटना को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यही वजह है कि बंगाल सरकार ने भी महिलाओं की सुरक्षा मजबूत करने के लिए कुछ दिशा निर्देश जारी करने की तैयारी की हैं। इनके मुताबिक महिला सुरक्षा से जुड़ी एक मोबाइल एप लॉन्च की जाएगी। साथ ही सुरक्षाकर्मियों में महिलाओं की भी भर्ती की जाएगी और साथ ही संस्थानों को महिलाओं की रात की ड्यूटी न लगाने के लिए कहा जाएगा।

जूनियर डॉक्टर का आंदोलन जारी, पूरे बंगाल में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक के दुष्कर्म और हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर की हड़ताल रविवार को भी जारी रही, जिससे राज्य में लगातार 10वें दिन स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं। सरकारी अस्पतालों में रविवार को ओपीडी बंद रहने के कारण मरीजों की भीड़ कम रही, लेकिन वरिष्ठ चिकित्सकों ने आपातकालीन विभाग में सेवाएं जारी रखीं।

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टर की हत्या पर भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि ‘घटना की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है और ये दिखाता है कि पश्चिम बंगाल सरकार मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। आरोपी की गिरफ्तारी पर सीएम ने धरना प्रदर्शन किया। वह मुख्यमंत्री हैं, स्वास्थ्य मंत्री हैं और गृह मंत्री हैं तो सवाल ये उठता है कि वे किसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि सीबीआई आरोपियों को पकड़कर दोषियों को सख्त सजा दिलाएगी।’

थिएटर कलाकारों ने कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार-हत्या की घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में छात्रों और जूनियर डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है।

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना पर निर्भया की मां आशा देवी का कहना है कि, ‘मुझे नहीं लगता कि महिलाओं की सुरक्षा और महिलाओं के खिलाफ अपराधों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए कुछ किया गया है, कानून जरूर बनाए गए लेकिन कोई काम नहीं हुआ। निर्भया के दोषियों को 2020 में फांसी दी गई लेकिन उससे पहले और बाद में इतनी घटनाएं हुईं…किसको न्याय मिला? घटनाएं रोज हो रही हैं…अगर आप दोषियों को सजा नहीं देंगे और उन्हें जेल में नहीं डालेंगे। महिलाओं की जरूरतों का ख्याल नहीं रखेंगे तो महिलाएं कैसे सुरक्षित रहेंगी? जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलेगी, जब तक फास्ट ट्रैक कोर्ट में काम नहीं होगा और जब तक बनाए गए कानूनों पर काम नहीं होगा तब तक समाज की मानसिकता नहीं बदलेगी और महिलाएं सुरक्षित नहीं होंगी।’

महिला सुरक्षा के मुद्दे पर शनिवार को एक बैठक हुई, जिसमें सीएम ममता बनर्जी भी वर्चुअली शामिल हुईं। इस बैठक में ही सरकारी संस्थानों में महिला सुरक्षा के लिए दिशा निर्देश तय किए गए। मुख्यमंत्री के सलाहकार अलापन बंदोपाध्याय ने बताया कि जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी कर दिया जाएगा और जल्द ही उन्हें लागू कर दिया जाएगा।