November 16, 2024

एक ऐसी जगह जहाँ पर 175 प्रजाति के पक्षी और पशु पाए जाते हैं

Bhopal : शहर से 70 किलोमीटर की दूरी पर नरसिंहगढ़ अभ्यारण्य है जिसमें 175 प्रजाति के पक्षी पाए जाते हैं। यहां जो तालाब बना है उसका आकार चिड़िया की तरह है इसलिए इसे चिड़ीखो भी कहा जाता है। इसी जगह की सैर के बार में बता रहे हैं अंतरराष्ट्रीय स्तर के ट्रैकर संजय मधुप, जो कई बार ट्रेकिंग के लिए यहां जा चुके हैं।

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किस तरह खास है ये जगह…
-संजय मधुप ने बताया कि अगर आप प्रकृति को करीब से निहारना चाहते हैं, तो नरसिंहगढ़ अभ्यारण्य से खूबसूरत जगह कोई नहीं है।
-भोपाल से 70 किमी की दूरी पर स्थित यह अभ्यारण्य नेशनल हाईवे-12 पर मौजूद, बहुत खूबसूरत और मनोरम है।
-इस अभ्यारण्य में तेंदुआ, जंगली सुअर, सियार, हायना, सांभर, चीतल, नीलगाय, चिंकारा आदि वन्य प्राणी पाए जाते हैं।
-साथ ही लगभग 175 प्रजातियों के पक्षी भी यहां अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं, जिसमें से 50 प्रवासी पक्षी हैं।
-यहां पर चिड़िया के आकार का एक सुंदर जलाशय है, इसलिए इसका नाम चिड़ीखोह पड़ा।
-यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य बहुत मनोहारी होता है।

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जानवर विचरण करते हुए मिल जाते हैं
-यहां वन विभाग द्वारा नेचर ट्रेल बनाई गई हैं। गाइड के साथ भ्रमण करते हुए कुछ जानवर विचरण करते हुए मिल जाते हैं।
-नरसिंहगढ़ प्राकृतिक वन संपदा से भरपूर है। यहां के प्रदूषण मुक्त खुले वातावरण में ट्रैक करना स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।
-अभ्यारण्य में आपको प्राकृतिक शैलचित्र भी देखने को मिलेंगे, जो सफेद और लाल रंग से उकेरे गए हैं।

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किले की तरह भव्यता का अहसास
-अब जब नरसिंहगढ़ आ ही गए हैं, तो सांका श्याम जी का मंदिर भी देख लेते हैं, जो 16वीं शताब्दी में निर्मित किया गया था।
-मंदिर का विशाल प्रवेश द्वार किसी किले की तरह भव्यता का अहसास कराता है।
-मंदिर के अंदर मूर्तियों की नक्काशी भी कारीगरों के हुनर को दर्शाती है और बरबस ही सभी का ध्यान खींचती है।
-पास में ही सोलह खंब और हाजीअली की दरगाह भी है।
-नरसिंहगढ़ का किला भी देखने लायक है और हां, अगर एडवेंचर के शौकीन हैं, तो करवटिया की गुफा से एक बार जरूर निकल कर बाहर आएं। आपका नरसिंहगढ़ आना सार्थक हो जाएगा।
-सुबह जाकर रात तक वापस आ सकते हैं।