November 24, 2024

किसान फसल अवशेष प्रबंधन योजना का लाभ उठाएं : डीसी

Faridabad/Alive News : डीसी विक्रम सिंह ने जिला के किसानों का आह्वान किया कि वे सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही फसल अवशेष प्रबंधन योजना का पूर्ण लाभ उठाएं। किसान कृषि यंत्रों से धान की पराली को मिट्टी में मिलाकर भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ा सकते हैं और स्ट्रा बेलर मशीन से पराली की गांठ बनाकर सरकार द्वारा दी जा रही एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर सकते हैं। वहीं किसान फसल अवशेष प्रबंधन की नीति अपनाकर आय का अतिरिक्त स्त्रोत बना सकते हैं।

डीसी ने कहा है कि सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन की महत्वपूर्ण योजना क्रियान्वित की जा रही हैं, जिसके तहत किसानों को किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों तथा पंचायती राज जनप्रतिनिधियों के जरिये फसल अवशेषों के उचित प्रबंधन के लिए जागरूक किया जा रहा है।

किसानों को इन मशीनों पर दिया जा रहा है अनुदान
डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि इस योजना के तहत किसानों को कृषि यंत्रों सुपर सीडर, जीरो टिलेज मशीन, स्ट्रा चोपर, हैपी सीडर एवं रिवर्सिबल प्लो अनुदान पर दिये जाते है। किसान इन कृषि यंत्रों का प्रयोग करके पराली को मिट्टड्ढी में मिलाकर जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ा सकते हैं।वहीं स्ट्रा बेलर मशीन से पराली की गांठ बनाकर सरकार द्वारा दी जा रही एक हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि का लाभ उठा सकते हैं।

फसल अवशेष जलाने वालों के खिलाफ अपनाई जाएगी जीरो टॉलरेंस नीति
डीसी ने कहा कि फसल अवशेष जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों के दृष्टिगत माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इन दिशा-निर्देशों के अनुसार फसल अवशेष जलाने वाले किसानों से जुर्माना वसूल किया जाएगा। डीसी ने बताया कि एक एकड़ में लगभग दो टन पराली का उत्पादन होता है। इसकी गांठ बेचने पर लगभग 3600 रूपए की किसान की आमदनी होती है। किसानों द्वारा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने से एक हजार प्रति एकड़ तक का लाभ दिया जाता है। इस प्रकार से किसान को पराली न जलाने पर लगभग 4600 रुपए की राशि का अतिरिक्त लाभ होता है।