November 1, 2024

जोखिम न्यूनीकरण दिवस : जेआरसी ने आपदा प्रबंधन के लिए जागरूक किया

Faridabad/Alive News: राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में जूनियर रेड क्रॉस और सैंट जॉन एम्बुलैंस ब्रिगेड ने अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस पर आपदा प्रबंधन के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। बच्चों को संबोधित करते हुए जे.आर.सी व एस जे ए बी प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि जब प्रकृति में असंतुलन की स्थिति होती है तब आपदाएं आती हैं। जिसके कारण विकास एवं प्रगति बाधक होती है। प्राकृतिक आपदाओं के अतिरिक्त कुछ विपत्तिया मानवजनित भी होती हैं।

प्राकृतिक आपदाएं जैसे भूकम्प, सुनामी, भूस्खलन, ज्वालामुखी, सूखा, बाढ़, हिमखण्डों का पिघलना आदि हैं। धैर्य, विवेक, परस्पर सहयोग व प्रबंधन से ही इन आपदाओं से पार पाया जा सकता है। आपदा प्रबंधन दो प्रकार से किया जाता है। आपदा से पूर्व एवं आपदा के पश्चात। आपदा पूर्व प्रबन्धन को जोखिम प्रबन्धन के नाम से भी जाना जाता है। आपदा के जोखिम भयंकरता व संवेदन शीलता के संगम से पैदा होते हैं जो मौसमी विविधता व समय के साथ बदलते रहते है। जोखिम प्रबन्धन के तीन अंग हैं। जोखिम की पहचान, जोखिम में कमी व जोखिम का स्थानान्तरण किसी भी आपदा के जोखिम को प्रबन्धित करने के लिए एक प्रभावकारी रणनीति की शुरूआत जोखिम की पहचान से ही होती है।

इसमें प्रकृति ज्ञान और बहुत सीमा तक उसमें जोखिम के बारे में सूचना सम्मिलित होती है। इसमें विशेष स्थान के प्राकृतिक वातावरण के बारे में जानकारी के अतिरिक्त वहां आ सकने का पूर्व निर्धारण सम्मिलित होता है। इस प्रकार एक उचित निर्णय लिया जा सकता है कि कहां व कितना निवेश करना है। एक ऐसी परियोजना को डिज़ाइन करने में सहायता मिल सकती है। इसी प्रकार से पूर्व आपदा प्रबंधन तंत्र तैयार करना होता है। युवाओं और सामान्य नागरिकों को भी आपदाओं के बारे में जागरूक किया जाता है। उसी प्रकार से आपदा पश्चात अर्थात पोस्ट डिजास्टर मैनेजमेंट की भी पूर्व से तैयारी करनी पड़ती है। राहत और बचाव के लिए कर्मचारियों और स्वयंसेवकों की टीम को प्रशिक्षण, प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण और आपात स्थिति में चिकित्सालयों और घायलों और पीड़ितों को ठहराने की व्यवस्था आदि का प्रबंध भी करना होता है।

प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि एन डी एम ए का उद्देश्य नए आपदा जोखिम को रोकना और मौजूदा आपदा जोखिम को कम करना और अवशिष्ट जोखिम का प्रबंधन करना है जो सभी लचीलेपन को मजबूत करने में योगदान करते हैं। इस अवसर पर सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड सदस्यों द्वारा भी आपदाओं के उचित प्रबंधन का संदेश दिया गया। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा, स्टाफ सदस्यों एवम एस जे ए बी के सभी सक्रिय सदस्यों ने भी सभी से आपदा प्रबंधन की जानकारी सांझी करने की आवश्यकता पर बल दिया।