Health/Alive News: आज पूरे विश्व मे वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन डे मनाया जा रहा है। आजकल के युग मे देखा जाए तो अक्सर लोग 30- 40 की उम्र में सामान को कहीं भी रख कर भूल जाते हैं। कई लोग विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य समस्या से जुंझ रहे हैं। जिसकी वजह से उनकी सोचे समझने की शक्ति और याददाश्त काम होती जा रही है। लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के बारे में बताएंगे जिसकी मदद से आप अपने दिमाग को मजबूत बना सकते हैं। तो आइये जानते है इस खबर को थोड़ा विस्तार से।
अश्वगंधा
अश्वगंधा एक एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह तनाव और चिंता को कम करती है। इस जड़ी बूटी में सोचने-समझने की शक्ति में सुधार करने और अन्य मानसिक विकारों से बचाव करने की क्षमता होती है।
शंखपुष्पी
शंखपुष्पी का उपयोग पारंपरिक रूप से इसकी याददाश्त बढ़ाने और दिमाग को शांत करने के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह मानसिक स्वास्थ्य और सोचने-समझने के कामों में सुधार करती है।
हल्दी
हल्दी में करक्यूमिन होता है, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह जड़ी बूटी दिमागी विकारों से बचाव करने के साथ ब्रेन पावर बढ़ाने में सहायक है।
गोटू कोला
गोटू कोला को शक्तिशाली न्यूरोप्रोटेक्टिव गुणों के लिए जाना जाता है और माना जाता है कि यह याददाश्त और सोचने-समझने की क्षमता में सुधार करता है। इसी तरह जिन्कगो बिलोबा ब्रेन में ब्लड फ्लो को बढ़ाता है जिससे दिमाग कामकाज में सुधार होता है।
जटामांसी
जटामांसी अपने शांत गुणों के लिए जानी जाती है और पारंपरिक रूप से इसका इस्तेमाल तनाव, चिंता और अनिद्रा को कम करने और दिमागी कामकाज को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इनके अलावा तुलसी और मुलेठी जैसी आयुर्वेदि जड़ी बूटियां भी दिमाग के लिए बढ़िया होती हैं।