Faridabad/Alive News: एडीसी आनन्द शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों को नई तकनीकों के इस्तेमाल के लिए समर्थ बनाना ई-अधिगम का मुख्य उद्देश्य है। एडीसी ने कहा कि विद्यार्थियों व अध्यापकों में टैबलेट का प्रयोग व उस पर काम करने की बेहतर रूचि पैदा करने के लिए एक विशेष योजना बनाई गई है। जिसमें टैबलेट पर काम करने वाले छात्रों और शिक्षकों को मिलेगा इनाम और पुवर प्रफोरमैसं के टीचर के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत पीएमश्री स्कूलों पर खर्च 14 हजार 500 करोड़ रूपये होंगे।
बता दें कि ई-अधिगम का उद्देश्य विद्यार्थियों को नई तकनीकों के इस्तेमाल के लिए समर्थ बनाना है। वहीं विद्यार्थियों व अध्यापकों में टैबलेट का प्रयोग व उस पर काम करने की रूचि पैदा करने के लिए एक विशेष योजना बनाई गई है।
एडीसी आनन्द शर्मा शुक्रवार को लघु सचिवालय के बैठक में सीमजीजीए और शिक्षा विभाग के अधिकारियो और स्कूलों के प्रिसीपलो के साथ स्कूलों में विद्यार्थियों द्वारा टेबलेट के जरिये आन लाइन प्लेट फार्म प्रणाली पर किए जा रहे होम वर्क बारे समीक्षा बैठक कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि टैबलेट पर काम करने वाले छात्रों और शिक्षकों को ईनाम मिलेगा और आन लाइन प्लेट फार्म प्रणाली पर पढाई न करवाने शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। वहीं सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति के तहत पीएमश्री स्कूलों पर 14 हजार 500 करोड़ रूपये की धनराशि खर्च की जाएगी।
एडीसी आनन्द शर्मा ने कहा कि ई-अधिगम का उद्देश्य विद्यार्थियों को नई तकनीकों के इस्तेमाल के लिए समर्थ बनाना है। वहीं सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार टैबलेट पर काम करने वाले छात्रों और शिक्षकों को इनाम दिया जाएगा।
विद्यार्थियों व अध्यापकों में टैबलेट का प्रयोग व उस पर काम करने की रूचि पैदा करने के लिए एक विशेष योजना बनाई गई है। शिक्षा को डिजिटाइल करने व सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली से जोड़ने के लिए सरकार की ओर से ई-अधिगम योजना के तहत टैबलेट वितरित किए गए हैं। जहां ऐसे में विद्यार्थियों व अध्यापकों में टैबलेट का प्रयोग व उस पर काम करने की रूचि पैदा करने के लिए एक विशेष योजना बनाई है, जिसके तहत विद्यार्थियों व अध्यापकों को सम्मानित किया जाएगा।
शिक्षा विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजनाओं को देख रहे मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी आशीष जैन और श्रुति शर्मा ने सयुक्त रूप से बताया कि शिक्षा विभाग इस योजना के तहत टैबलेट पर पीएल सॉफ्टवेयर में काम करने वाले विद्यार्थियों व अध्यापकों को राज्य स्तर के साथ साथ जिला स्तर पर भी सम्मानित किया जाएगा। वहीं विभाग की ओर से जिला में सभी ब्लॉक पर चार-चार विद्यार्थियों व अध्यापकों का चयन किया जाएगा, जिनका पीएल सॉफ्टवेयर पर काम श्रेष्ठ होगा।
आपको बता दें कि कि डीसी विक्रम सिंह के कुशल मार्गदर्शन में जिला प्रशासन द्वारा ऐसे विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा। वहीं विजेता विद्यार्थियों और अध्यापकों के चयन के लिए निदेशालय की ओर से मानक नियम जारी किए हैं, इन नियमों के आधार पर ही चयन प्रक्रिया क्रियान्वित की जाएगी। उन्होंने बताया कि अधिगम विद्यार्थियों के साप्ताहिक तीन लक्ष्य दिए गए हैं, जिसके तहत विद्यार्थियों को प्रति सप्ताह प्रति विषय में एक से अधिक घंटे के लिए टेबलेट का उपयोग करना होगा, प्रति सप्ताह प्रति विषय में दो रेमेडियल टेस्ट का प्रयास करना होगा। इसके साथ ही प्रति सप्ताह प्रति विषय में दो होमवर्क का प्रयास करना होगा।
क्या हैं ई-अधिगम योजना के मापदंड
ई-अधिगम विद्यार्थी के साप्ताहिक 3 लक्ष्य है। नम्बर एक प्रति सप्ताह प्रति विषय में एक से अधिक घंटे के लिए विद्यार्थी द्वारा टैबलेट का उपयोग। नम्बर दो प्रति सप्ताह प्रति विषय में 2 रेमेडियल टेस्ट का प्रयास करना और नम्बर तीन प्रति सप्ताह प्रति विषय में 2 होमवर्क का प्रयास करना सुनिश्चित करें। वहीं ई-अधिगम शिक्षक के साप्ताहिक 2 लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इनमें पहला टैबलेट का उपयोग प्रति सप्ताह एक से अधिक घंटे के लिए करना और दूसरा विद्यार्थियों को प्रति सप्ताह 2 होमवर्क देना शामिल है। वहीं ई-अधिगम योजना के तहत सभी शिक्षक व विद्यार्थी टेब का अधिक से अधिक उपयोग कर शत प्रतिशत ई-अधिगम बनने का प्रयास करना होगा ।
राज्य के टॉप 100 ई-अधिगम विद्यार्थियों व अध्यापकों को सम्मानित भी किया जाएगा। वहीं पीएमश्री स्कूलों के तहत फरीदाबाद जिला के स्कूल शामिल हुए।
पीएमश्री योजना में हरियाणा के कुल 124 स्कूल शामिल
पीएमश्री स्कूलों में आधुनिक तकनीकों, ब्लॉक चैन, रिटेलिंग, कंप्यूटर शिक्षा व लर्निंग आऊटकम आधारित शिक्षा पर जोर रहेगा। बच्चों को भविष्य में पैदा होने वाले रोजगार को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा। 20 लाख बच्चों तक पीएमश्री स्कूलों का लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है। वर्ष 2022-23 से 2027 के बीच पांच सालों में योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।
समीक्षा बैठक में सीमजीजीए श्रुति शर्मा, सीमजीजीए आशीष जैन, खण्ड शिक्षा अधिकारी मनोज मित्तल, खण्ड शिक्षा अधिकारी महेन्द्र सिंह, डीसीएस धर्मेन्द्र अधाना सभी स्कूलों के प्रिंसीपल सहित समीक्षा बैठक जुड़े अधिकारी उपस्थित रहे।