November 23, 2024

जानिये कब है सावन माह की शिवरात्रि और महत्व, पूजा विधि

News Delhi/Alive News : सावन महीने की शुरुआत 4 जुलाई से हो चुकी है। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित किये जाते है। इस माह को बेहद पवित्र माना जाता है। वैसे तो सावन में हर दिन शिव जी की पूजा आराधना की जाती है, लेकिन इस माह में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि का अलग ही महत्व है। पंचांग के अनुसार साल में 12 शिवरात्रि होती हैं, लेकिन इनमें से दो शिवरात्रि का खास महत्व होता है। सबसे प्रमुख फाल्गुन मास की शिवरात्रि मानी जाती है, जिसे महाशिवरात्रि कहा जाता है। इसके अलावा दूसरी महत्वपूर्ण शिवरात्रि सावन माह की मानी जाती है। इस दिन विधि-विधान से शिव जी की पूजा की जाती है। इस साल अधिक मास होने की वजह से सावन में दो मासिक शिवरात्रि हैं। पहली मासिक शिवरात्रि 15 जुलाई को है।

सावन मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त
प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। सावन माह की चतुर्दशी 15 जुलाई को संध्याकाल 8 बजकर 32 मिनट से शुरू हो रही है। अगले दिन 16 जुलाई को रात 10 बजकर 8 मिनट पर समाप्त होगी।

मासिक शिवरात्रि पर निशिता काल में माहदेव की पूजा की जाती ही। ऐसे में 15 जुलाई को ही मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा। वहीं इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 16 जुलाई को रात में 12 बजकर 7 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक है।

शुभ योग
सावन शिवरात्रि पर दो शुभ योग वृद्धि और ध्रुव योग बन रहे हैं। वृद्धि योग सुबह 08 बजकर 22 मिनट तक है। मान्यता है कि इस योग में पूजा पाठ करना शुभ होता है। इसके बाद से ध्रुव योग प्रारंभ होगा, जो पूरे रात रहेगा।

मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
-मासिक शिवरात्रि के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें।
-इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा भी करनी चाहिए।
-शिव जी के समक्ष पूजा स्थान में दीप प्रज्वलित करें।
-यदि घर पर शिवलिंग है तो दूध, और गंगाजल आदि से अभिषेक करें।
-शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा आदि अवश्य अर्पित करें।
-पूजा करते समय नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते रहें।
-अंत में भगवान शिव को भोग लगाएं और आरती करें।
-दिनभर उपवास रखें। शाम में आरती-अर्चना कर फलाहार करें।
-अगले दिन पूजा-पाठ संपन्न कर व्रत खोलें।