Faridabad/Alive News: हार्डवेयर-प्याली पेरिफैरी रोड घोटाले पर बोलते हुए विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि इस सड़क की फाईल वर्ष 2017 बनी, वर्क आर्डर भी 2017 में हुआ तथा काम भी वर्ष 2017 में शुरू हो गया। लेकिन वर्ष 2018 में सांसद कृष्णपाल गुर्जर की अध्यक्षता में मीटिंग हुई जिसमें फरीदाबाद के सभी विधायक मौजूद थे तथा नगर निगम फरीदाबाद के अधिकारी भी शामिल थे।
विधायक नीरज शर्मा का कहना था कि इस मीटिंग का उद्धेश्य सिर्फ घोटाले को अंजाम देना था, क्योंकि जब मुख्यमंत्री की घोषणा वर्ष 2017 में हुई और तभी से काम शुरू हो गया था तो उसके बाद काम क्यों आर.एम.सी का किया गया। जबकि इस सड़क पर ब्रिज बनने थे, साईकिल ट्रैक बनना था तथा ब्यूटिफिकेशन होना था। उसका क्या हुआ किसी को नही पता।
विधायक नीरज शर्मा का कहना था कि जब वह विधायक बने तो उन्हें इस पूरे मामले का ज्ञान हुआ तभी से वह इस मामले के पीछे लग गये, क्योंकि यह पैसा जनता का था। इस घोटाले की जांच 2020 से चल रही है और इस मामले में विजिलेंस दस्तावेज मांग रही थी लेकिन अधिकारी दस्तावेज उपलब्ध नही रहे थे।
विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि इस मामले को उन्होंने कई बार विधानसभा में उठाया लेकिन विधानसभा में उनकी आवाज दबा दी गई। क्योंकि भाजपा के विधायक विधानसभा में छाती ठोकर कहते थे कि अगर इस सड़क पर कोई घोटाला हुआ है तो वह जिम्मेदार है।
विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि जब सरकार इस घोटाले को दबाने की कोशिश कर रही थी तो उनके द्वारा इस मामले को लेकर माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटकाया, जिसमें केस नंबर सीडब्लूपी 22268 ऑफ 2022 लंबित है। जिसकी अगली तारीख 11 जुलाई 2023 है। जिसमें राज्य चौकसी ब्यूरो ने जो अपनी रिपोर्ट माननीय उच्च न्यायालय में जमा की उसमें सरकार ने माना कि आर.एम.सी का काम वर्ष 2017 में ही शुरू हो गया था, वर्ष 2017 में ही एम.बी भरी गई और आर.एम.सी की पैमेंट की गई।
सरकार ने माना की 16 करोड़ का घोटाला हुआ है। जबकि विधानसभा में भाजपा के विधायक, मंत्री कहते है कि अगर घोटाला हुआ है तो वह जिम्मेदार है। विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि क्या भाजपा के सांसद, विधायक, मंत्री को नही पता था कि मौके पर काम आर.एम.सी का चल रहा है। 23 फरवरी 2018 को मीटिंग सिर्फ क्या घोटाले को अजांम देने के लिए की गई थी?
विधायक नीरज शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि चाहे पैरीफेरी रोड का मामला हो, चाहे नगर निगम फरीदाबाद में बिना काम के 200 करोड़ रूपए भुगतान का मामला हो, रेल की पटरी खाने का मामला हो, कोई और घोटाले का मामला हो, नीरज शर्मा किसी भी भ्रष्टाचारी को छोडेगा नही।