November 17, 2024

फर्जी डी.डी. बनाकर ठगी करने वाले आठ आरोपी काबू

Faridabad/Alive News: दिल्ली में स्थित एक कम्पनी ईकेईएन वेयर हाउस एडं लोजस्टीक के नाम की एक करोड़ रुपए की बैंक डी.डी. बनी। असली डी.डी. का फोटो अन्य आरोपियो के माध्यम से व्हाट्सएप के जरिए आरोपी गौरव के पास आई। आरोपी ने असली डीडी की हुबहू नकली डी.डी. तैयार करके अन्य आरोपियों की साहयता से यूनियन बैंक आफ इण्डिया एनआईटी फरीदाबाद से कैश करा लिया।

जिसने बैंक से एक करोड़ की असली डीडी बनवाई थी। उसको कैंसिल करा दिया गया। बाद मे पता लगने पर बैंक मैनेजर ने फर्जी डी.डी. द्वारा फ्रॉड करने के संबंध में थाना एनआईटी में शिकायत दी जिसपर थाना एनआईटी में मामाल दर्ज किया गया। मामले में कार्रवाई करते हुए थाना एनआईटी प्रभारी सुनीता और उसकी टीम ने लगातार कार्य करते हुए बैक का फर्जी डीडी बनाकर 1 करोड़ रुपए का फ्रॉड करने वाले 8 आरोपियो को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है।

पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियो में ओमकार, जगन सिंह, प्रदीप, संजय, अमित, मधुर, विजय कुमार और गौरव सिंह का नाम शामिल है। मामले में मुख्य आरोपी गौरव दिल्ली के मुखर्जी नगर के गांव धीरपुर का, आरोपी विजय कुमार दिल्ली के अशोका विहार फेस -2 का, आरोपी मधुर उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बड़ौत का,आरोपी अमित उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के शमशाबाद का, आरोपी संजय फरीदाबाद के सेक्टर-16 का, आरोपी प्रदीप धवन उर्फ राजू बल्लबगढ की, हाउसिंग बोर्ड कालोनी सेक्टर-3 का, आरोपी जगन सिंह एनआईटी का तथा आरोपी ओमकार बल्लबगढ की सुभाष कॉलोनी का रहने वाला है।

यूनियन बैंक आफ इण्डिया एनआईटी के मैनेजर की शिकायत पर लगातार कार्य करते हुए मामले में सब इंस्पेक्टर नरपत सिंह और सहायक सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने तफ्तीश करते हुए आरोपी ओमकार व जगन सिंह को मामले में 15 फरवरी को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। आरोपी ओमकार को पूछताछ के बाद अदालत में पेश कर जेल भेजा गया तथा आरोपी जगन सिंह को पुलिस रिमांड पर लिया गया पूछताछ के बाद आरोपी जगन को 19 फरवरी को जेल भेजा गया। आरोपी अमित ने 19 जनवरी को बाटा चौक के पास विजय कुमार और संजय को नकली डी.डी. दे दी ।

आरोपी संजय का बिजनेस पार्टनर प्रदीप है। प्रदीप का बिजनेस पार्टनर ओमकार है। ओमकार की वर्कशॉप संजय कॉलोनी में स्थित है ओमकार के खाते में डी.डी. को कैश कराया गया। जिसमें से ओमकार ने तुरंत 85 लाख रुपए जगन के खाते एस.के इंटरप्राइजेज में भेज दिया। आरोपी ओमकार के खाते को पुलिस टीम ने सीज करा दिया था। आरोपी जगन ने अपने खाते से 40 लाख रुपए आरोपी सजय के खाते में तथा 31 लाख रुपए आरोपी प्रदीप के खाते में जिसमे 10 लाख रुपए एक खाते में 4.5 लाख रुपए परिवार के 4 खातो में भेजे। आरोपी जगन ने 4 लाख का कैश चेक दिया जिसे कैश कराकर 1 लाख रुपए जगन को दे दिए और 3 लाख अपने पास रख लिए।