Faridabad/Alive News: फरीदाबाद जिले में प्रदूषण फैलाने के मामले में 104 टाइम इकाई पूरी तरह से बंद होने की कगार पर है। आरोप है कि यह डाईंग कंपनियां नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। वीरवार 9 फरवरी को प्रदूषण नियंत्रण विभाग नगर निगम और बिजली विभाग की संयुक्त टीम तिलपत और सेहतपुर इलाके में इन यूनिटों के पानी और बिजली के कनेक्शन काटने पहुंची थी। उसी दौरान यूनिट संचालक पहले ही ताले लगाकर मौके से फरार हो गए। ऐसे में गुरुवार को कोई कार्यवाही नहीं हुई और अब विभाग अधिकारियों द्वारा दावा किया गया है कि आज इस कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बीते दिनों ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में इन डाइंग यूनिटों पर कार्रवाई के आदेश दिए थे। यह अधिकांश टाइम यूनिट अगवानपुर, पल्ला, मवई, सेहतपुर, धीरज नगर, टीटू कॉलोनी आदि इलाकों में है। इसमें अधिकांश में जींस के कपड़े पर रंग चढ़ाया जाता है। जिससे खतरनाक रसायन नाले में छोड़ा जाता है। इससे जल प्रदूषण के अलावा वाली प्रदर्शन भी होता है।
इनसे खतरनाक औद्योगिक अपशिष्ट विनोद शोधन की नालों में छोड़ा जाता है। इन इलाकों में बुढ़िया नाले के माध्यम से यमुना नदी में प्रतिदिन बगैर संशोधित हुए करीब 3000 एमएलडी सीवर नाली का गंदा पानी पहुंच रहा है। इस गंदे रसायनिक पानी को ड्रिल करके जमीन में कुछ इकाइयां खाली करती हैं। इससे भूजल जहरीला होने का भी खतरा बना हुआ है।
प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने ऐसे करीब 22 जाएंगे कार्यों की सूची नगर निगम को सौंपी है। जो एक बार सील किए जाने के बाद भी सील तोड़कर चलाई जा रही हैं। निगम ने इन अवैध रूप से चल रहे कार्यों पर कार्रवाई की तैयारी कर ली है। सूरजकुंड मेले के बाद इन पर कार्रवाई की जाएगी। वीरवार को भी कई कारखानों की सिल हटी मिली। उन पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
बीते 1 महीने में अभी तक प्रदूषण नियंत्रण विभाग के निर्देशों पर कार्रवाई करते हुए जल विभाग ने करीब 39 लाइन यूनिटों की बिजली कनेक्शन काट दिए हैं। हालांकि विभाग अधिकारियों द्वारा पहले भी है कार्रवाई की जा चुकी है। लेकिन मिलीभगत होने के कारण यह डाइंग यूनिट्स फिर से बिजली कनेक्शन करवा लेते हैं।