Chandigarh/Alive News: हरियाणा में 8 से 17 साल के बच्चों को सिगरेट, बीड़ी और तंबाकू उत्पादों की लत लगाई जा रही है। स्कूलों के आसपास स्थित दुकानों में टॉफी, कैंडी के साथ रखकर सिगरेट, गुटखा, खैनी और पान मसाला विद्यार्थियों को बेचे जा रहे हैं। प्रतिबंधित होने के बावजूद गुटखा, पान मसाला इत्यादि की धड़ल्ले से बिक्री जारी है। सरकार प्रतिबंध को सख्ती से लागू नहीं करा पा रही।
हरियाणा के जिलों में किए गए अध्ययन में यह सामने आया है। निजी संस्था ने अपनी अध्ययन रिपोर्ट बीते दिनों महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) रोहतक के ईएसएम (इन्वायरमेंट सस्टेनेबिल्टी मैनेजमेंट) सेल के सहयोग से आयोजित वेबिनार में जारी की।
इसके अनुसार तंबाकू कंपनियां शिक्षण संस्थानों के आसपास अपने उत्पादों की बिक्री पर जोर दिए हुए हैं। हरियाणा में स्कूलों के आसपास 98.28 फीसदी दुकानों पर बच्चों को सिगरेट, बीड़ी बेची जा रही है। कुछ जगह बच्चों को शुरुआत में मुफ्त उत्पाद देकर सेवन करने की लत लगाने का भी खुलासा हुआ है।
अध्ययन को मद्देनजर रखते हुए नेशनल टोबैको कंट्रोल प्रोग्राम व एमडीयू ने बड़े स्तर पर तंबाकू को कहो न अभियान छेड़ने का निर्णय लिया है। एमडीयू के ईएसएम सेल की समन्वयक प्रो. राजेश धनखड़ ने इसकी कमान संभाली है। वह विवि के साथ ही प्रदेश स्तर पर विद्यार्थियों को तंबाकू उत्पादों का सेवन न करने के लिए जागरूक कर रही हैं। उनका कहना है कि सरकार शिक्षण संस्थानों के आसपास तंबाकू उत्पादों की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित करे।
तंबाकू उत्पाद अधिनियम की धारा का उल्लंघन
‘बिग टोबैको टाइनी टारगेट्स’ शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार छोटे बच्चों को सिगरेट की लत लगाने के भविष्य में गंभीर परिणाम हो सकते हैं। स्कूल परिसरों के आसपास तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन भी लगाए गए हैं। यह सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम की धारा 5 और 6 का स्पष्ट उल्लंघन है। सामाजिक कार्यकर्ता आशिम सान्याल व अमरजीत सिंह ने कोपटा 2003 को और सख्त करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य हित में तंबाकू विक्रेता विनियमन प्रणाली को लागू करने की जरूरत है।
एनटीसीपी की नोडल अधिकारी ने जताई चिंता
नेशनल टोबैको नियंत्रण कार्यक्रम की राज्य नोडल अधिकारी व उपनिदेशक (जनस्वास्थ्य) डॉ. रीता कोटवाल का कहना है कि छोटे बच्चों, विद्यार्थियों को तंबाकू उत्पादों के प्रति आकर्षित करना चिंताजनक है। उनकी ओर से कार्रवाई के लिए अभियान चलाया जाएगा। कानून के तहत जुर्माना सहित अन्य कार्रवाई भी करेंगे। तंबाकू नियंत्रण कानूनों को देश भर में सख्ती से लागू करना समय की मांग है।