International Desk : सीरिया में मलबे में दबी 30 दिन की बच्ची को बचाने वाला खुद फूट-फूटकर रो दिया। दरअसल, गुरुवार को रूस की बमबारी की वजह से इदलिब और अलेप्पो शहर की इमारतें दब गई थीं। बमबारी रुकते ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। अबू किफा ने इदलिब में रेस्क्यू कर रहे थे। उन्होंने देखा कि मलबे में दबी एक बच्ची की सांसें चल रही हैं। खुशी के मारे वो चीखा या अल्लाह, उसके आंसू बह निकले। उसने बच्ची को बाहों में भर लिया। खुशियां भर देती हैं बेटियां…
– जब तक एंबुलेस ने उन्हें हॉस्पिटल नहीं पहुंचा दिया वह बच्ची को ऐसे ही संभाले रहा।
– उसने मीडिया को बताया ‘भले वो मेरी बेटी नहीं थी, पर मुझे उसके बचने की खुशी है।
– उसने कहा- बेटियां तो ऐसी ही होती हैं, जिस गोद में जाती हैं, खुशियां भर देती हैं।
– वहीं, अलेप्पो की बिल्डिंग से बचाए गए एक बच्चे ने नर्स को मां की तरह पकड़ लिया।
– हमले में उसका घर गिर गया था, जिससे वो बेहद डर गया था।
यहां जिंदगी जीना दूभर हो गया है
– सीरियन अमेरिकन मेडिकल सोसायटी के नर्स मोहम्मद अबू रजाब ने बताया कि अलेप्पो में जिंदगी जीना कठिन हो गया है।
– सारे हॉस्पिटल भर गए हैं और स्पेशलिस्ट्स डॉक्टर की कमी हो गई है।
– पेशेंट्स और घायलों को दवाइयां भी टाइम पर नहीं मिल पा रही हैं।
– गुरुवार को हुई बमबारी में इदलिब और अलेप्पो में करीब 24 लोगों की मौत हो गई थी।
– बता दें, रूस की बमबारी में अभी तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है और करीब एक लाख बच्चे अनाथ हो गए हैं।
– गुरुवार को हुई बमबारी में 11 सीरियाई नागरिकों की मौत हो गई जिनमें सात बच्चे भी थे।