October 2, 2024

2237 निजी स्कूलों ने गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए मांगे 68 करोड़ रुपए

Chandigarh/Alive News: बेशक प्रदेश में नियम 134 ए के तहत गरीब विद्यार्थियों को दाखिला देने वाले निजी स्कूल प्रतिपूर्ति राशि नहीं देने का दुखड़ा रोते रहे हैं, लेकिन असल में निजी स्कूल प्रतिपूर्ति राशि के सत्यापन में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।

निजी स्कूलों की उदासीनता के चलते ही शिक्षा विभाग के पास 2237 स्कूलों की 68.40 करोड रुपए की प्रतिपूर्ति राशि अटकी हुई है। अब मौलिक शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों को 31 जनवरी तक डाटा सत्यापित करने के निर्देश दिए हैं।

शिक्षा विभाग ने स्कूलों को प्रतिपूर्ति राशि के सत्यापन के लिए 15 जनवरी तक का समय दिया था। इस अवधि में 48.67% स्कूलों नहीं डाटा सत्यापित कराया। निजी स्कूलों की उदासीनता को देखते हुए शिक्षा विभाग ने अब इस अवधि को बढ़ा दिया है। निजी स्कूलों ने शैक्षणिक सत्र 2015-16 से लेकर 2021-22 के दौरान दूसरी से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को दाखिला देने की एवज में 68 करोड़ रुपए प्रतिपूर्ति राशि का दावा किया है।

निजी स्कूलों को दाखिला डेटा जिला स्तरीय कमेटी से सत्यापित कराने के निर्देश दिए गए हैं। कमेटी में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी और संबंधित खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी शामिल है सत्यापित कमेटी स्कूलों द्वारा किए जा रहे प्रतिपूर्ति राशि के दावे को सत्यापित करेगी। कमेटी हैवी जांच करेगी कि जो स्कूल प्रतिपूर्ति राशि के लिए दावा कर रहा है। वह हरियाणा शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त है या नहीं। यदि स्कूल पांचवी तक मान्यता प्राप्त है तो उसे उसी कक्षा तक के छात्रों की फीस की प्रतिपूर्ति राशि का भुगतान किया जाएगा। ऐसे में छठी से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को दाखिला देने के दावे को खारिज कर दिया जाएगा।