November 19, 2024

12वीं की टॉपर छात्रा ने नीट परीक्षा में फेल होने के डर से की आत्महत्या

Chennai/Alive News : तमिलनाडु में नीट की एक और परीक्षार्थी ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा में फेल होने के डर से आत्महत्या कर ली। जब तमिलनाडु विधानसभा ने मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए नीट को समाप्त करने के लिए एक विधेयक को अपनाया था। उसी दौरान छात्रा ने फेल होने के डर से आत्महत्या कर ली। जानकारी के मुताबिक मृतिका की पहचान कनिमोझी के रूप में हुई है। कनिमोझी ने रविवार को नीट यूजी 2021 की परीक्षा तो दी थी, लेकिन अच्छा प्रदर्शन नहीं करने को लेकर चिंतित थीं। रिश्तेदार बताते हैं कि कनिमोझी परीक्षा से आने के बाद अपने कमरे में जाकर सो गई और सोमवार की सुबह उन्हें छत से लटकी हुई मिली। कनिमोझी परीक्षा को लेकर उदास थी क्योंकि उसे डर था कि वह कक्षा 12वीं की परीक्षा में बहुत अच्छा स्कोर करने के बाद भी डॉक्टर नहीं बन पाएगी। पुलिस ने मामला दर्ज कर मौत की जांच शुरू कर दी है।

बता दें, कि तमिलनाडु विधानसभा ने सोमवार को राष्ट्रीय प्रवेश-सह-पात्रता परीक्षा (नीट) को खत्म करने और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए कक्षा 12वीं के अंकों के आधार पर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक विधेयक को अपनाया है। AIADMK शासन के दौरान इसी उद्देश्य के लिए 2017 में विधेयक पारित किया गया था। किंतु इसे राष्ट्रपति की सहमति नहीं मिली थी। इस बार मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विधेयक पेश किया और कांग्रेस जैसे अन्य लोगों के अलावा मुख्य विपक्षी एआईएडीएमके और उसके सहयोगी पीएमके सहित सभी दलों ने इसका समर्थन किया और इसे बिना किसी आपत्ति के पारित कर दिया गया। 

मिली जानकारी के अनुसार तमिलनाडु में नीट उम्मीदवारों द्वारा लगातार आत्महत्या करने के कारण नीट को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। 12 सितंबर को परीक्षा के दिन तमिलनाडु के एक और नीट 2021 के उम्मीदवार, सलेम के धनुष ने इसी तरह के डर से अपने कमरे के पंखे से फांसी लगा ली थी। डीएमके सरकार मेडिकल टेस्ट का कड़ा विरोध करती रही है। द्रमुक ने सोमवार को विधानसभा में एक विधेयक पारित किया, जिसमें केंद्र से तमिलनाडु को नीट से छूट देने का आग्रह किया गया। राज्य में नीट को इस आधार पर खत्म कर दिया गया है कि यह ग्रामीण चिकित्सा उम्मीदवारों के साथ भेदभावपूर्ण है। अन्नाद्रमुक सरकार ने नीट को खत्म करने का प्रस्ताव पेश किया है।