Ambala City/Alive News : जिले के 108 स्कूल मिड-डे मील को लेकर बरत रहे हैं। इनकी तरफ से विभाग को यह तक नहीं बताया जा रहा कि स्कूल में कितने बच्चों को मिड डे मील दिया गया या नहीं दिया गया। इसे लेकर विभाग भी खासा चिंतित नजर आ रहा है। ऐसे में विभाग ने अपनी कार्रवाई शुरू करते हुए बीईईओ को लेटर भेजने पड़ गए। जिस पर बीईईओ ने इन स्कूलों से मिड-डे मील को लेकर स्पष्टीकरण भी मांग लिया है।
बता दें कि जिले के प्राइमरी स्कूल हैं और 292 अपर प्राइमरी स्कूल हैं। जिनमें रोजाना मिड डे मील की व्यवस्था है। प्राइमरी में एडिड स्कूलों के बच्चों समेत 34612 और अपर प्राइमरी में एडिड समेत 26508 बच्चे थे। जिला मौलिक शिक्षा कार्यालय की ओर से मिड डे मील की राशि के इंतजाम किए जाते हैं और मिड डे मील इंचार्ज बच्चों को खाना वितरित करवाती हैं।
टोल फ्री नंबर पर करना होता है मैसेज
विभाग ने टोल फ्री नंबर जारी किया हुआ है। जिसमें मिड डे मील इंचार्ज को रोजाना बताना होता है कि आज कितने बच्चों का खाना बना और कितने आज नहीं आ सके। काफी हद तक स्कूल अपना रोजाना कितने बच्चों का मिड डे मील बना मैसेज डालते हैं। लेकिन जिले के 108 स्कूलों ने योजना के शुरू होने तक से डाटा का मैसेज विभाग को नहीं डाला और प्रदेश में 1310 स्कूल हैं। इस कारण विभाग को पता ही नहीं चल पा रहा कि यहां मिड डे मील बच्चों को मिल रहा है या नहीं। जबकि जिले में विभाग 2017-18 में कुकिंग पर 1 करोड़ 70 लाख रुपए और राशन पर 31 लाख 52 हजार रुपये खर्च कर चुका है। जिसके चलते विभाग ने अब कमर कस ली है और डाटा पूरे के करने को लेकर जवाब तलबी शुरू कर दी है।