फरीदाबाद : आगामी 7 अप्रैल विश्व स्वास्थ्य दिवस पर मैट्रो अस्पताल फरीदाबाद द्वारा एक मधुमेह जांच शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस शिविर में एन्डोक्रोनोलोजिस्ट डॉ. नीलम पाण्डे द्वारा मरीजों की शुगर की जांच, पैरों की जांच, डाईट परामर्श के साथ-साथ नि:शुल्क परामर्श दिया जाएगा। शिविर में भाग लेने वाले मरीजों को तीन महीने की औसतन शुगर व अन्य जांचों पर 50 प्रतिशत तक की छूट भी दी जाएगी, जबकि रजिस्ट्रेशन करवाने वाले लोगों को यह छूट एक महीने तक दी जाएगी। डॉ. नीलम पाण्डेय ने बताया कि वल्र्ड हैल्थ-डे 2016 की थीम मधुमेह को कंट्रोल करना है।
संपूर्ण साउथ ईस्ट एशियन देशों में लगभग 90 मिलियन मधुमेह के रोगी है, ये तेजी से फैलती बिमारी निम्र एवं मध्यम वर्ग के लोगों में अधिक है। खान-पान पर नियंत्रण, नियमित व्यायाम तथा नियमित स्वास्थ्य जांच द्वारा इस रोग से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि मधुमेह एक ऐसा रोग है, जिसमें आपका शरीर उस भोजन का समुचित रुप से उपयोग नहीं कर पाता, जिसे आप ऊर्जा प्राप्त करने के लिए खाते है। जब आप भोजन करते है तब उसमें से गलूकोस आपके रक्त में पहुुंचता है, यह गलूकोस आपके शरीर की कोशिकाओं में पहुंचकर ऊर्जा दे सके।
उसके लिए इंसुलिन नामक हार्माेन की आवश्यकता होती है। यह इंसुलिन हमारे अगन्याशय में बनता है, जिन लोगों के शरीर में इंसुलिन कम बनता है या सुचारु रुप से काम नहीं करता, उन्हें मधुमेह होता है। उन्होंने बताया कि मधुमेह तीन प्रकार के होते है, टाईप-1 डायबिटीस : इसमें पैन्क्रियाज इंसुलिन पैदा नहीं करता। यह ज्यादातर बच्चों के प्रकट होती है। 2 डायबिटीस : इसमें पैन्क्रियाज पर्याप्त इंसुलिन पैदा नहीं करता अथवा जो पैदा होता है, उसका शरीर उपयोग नहीं कर पाता। यह ज्यादा पाई जाने वाली मधुमेह है। 3 गर्भावास्था के दौरान होने वाले मधुमेह, इसमें गर्भावस्था के कारण शरीर में आए हार्माेन बदलाव, मधुमेह को प्रकट करते है।
यह जच्चा-बच्चा दोनों को प्रभावित करता है। मधुमेह ऐसे परिवार में, जिसमें अन्य लोगों को मधुमेह है, उन्हें मधुमेह का खतरा अधिक रहता है। इसके अलावा आपका वजन सामान्य से अधिक होने पर, आपकी आयु 40 वर्ष से अधिक होने पर, आप निष्क्रिय रहते है, कोई कसरत या घूमना नही करते है, आपको गर्भावस्था के दौरान मधुमेह हुआ था या जन्मे बच्चे का वजन 4 किलोग्राम से अधिक था।