लंदन : अगर आप मोटापे के शिकार हैं तो कैंसर से बचने के लिए आपको अपना वजन घटाना चाहिए। एक नए शोध में यह दावा किया गया है। शोध में 50 लाख से अधिक लोगों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया, जिसमें मोटापे और कैंसर के बीच संबंध पाया गया।
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, जर्नल लांसेट में प्रकाशित एक नए शोध के मुताबिक हर साल अकेले ब्रिटेन में 12,000 से ज्यादा नए कैंसर के मामलों का कारण ज्यादा वजन होता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, किसी व्यक्ति के बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) में हर पांच अंक की वृद्धि से उनके गर्भाशय कैंसर से ग्रस्त होने की संभावना 62 प्रतिशत अधिक बढ़ जाती है और गुर्दे के कैंसर से ग्रस्त होने की संभावना 25 प्रतिशत अधिक बढ़ जाती है।
एनएचएस परामर्शदाता और वेट लॉस विशेषज्ञ सैली नॉर्टन के मुताबिक, ‘अतिरिक्त वसा आपके शरीर के मध्यम हिस्से में यूं ही जमा नहीं रहती, बल्कि यह कई हार्मोनों का उत्पादन करती है जिनमें से एक इस्ट्रोजन है।’ नॉर्टन ने कहा कि रजोनिवृत्ति के बाद जब अंडाशय हार्मोन स्रावित करना बंद कर देते हैं, तब वसा ही इस्ट्रोजन का मुख्य स्रोत होती है। इसका अर्थ है कि रजोनिवृत्ति के बाद ऐसी महिलाएं जो मोटापे की शिकार हैं, उनमें इस्ट्रोजन के कारण होने वाले ट्यूमर का खतरा बढ़ जाता है।
अतिरिक्त वसा न केवल कुछ स्तन कैंसरों के खतरे को बढ़ाती है, बल्कि यह इलाज को भी कम प्रभावशाली बना देती है। नॉटर्न के मुताबिक, ’41 प्रतिशत गर्भाशय कैंसर का कारण मोटापा हो सकता है।’ पुरुषों के मामले में मोटापे के कारण कोलोन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। लगभग 10 प्रतिशत कोलोन कैंसर का संबंध मोटापे से जुड़ा है। इसके अलावा लीवर कैंसर का भी मोटापे से संबंध देखा गया है।