कालाहांडी : ओडिशा में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर आंख खोलने वाली एक और रिपोर्ट सामने आई है. यहां कालाहांडी के एक सरकारी स्कूल के हॉस्टल की लड़कियों को जब मलेरिया के लक्षणों वाला बुखार हुआ, तो प्रिंसिपल ने डॉक्टर की बजाय तांत्रिक बुलवा कर भूत भगाने का अनुष्ठान कराने का फैसला लिया.
हॉस्टल की ही एक छात्रा की बीमारी की वजह से हुई मौत के बाद इस बात का खुलासा हुआ. साथ ही यह भी पता चला कि यहां उपचार के लिए अकसर तांत्रिक को ही बुलाया जाता है. फिलहाल मामले की जांच चल रही है और जिला प्रशासन ने दोषिओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी भुवनेश्वर से करीब 500 किलोमीटर दूर स्थित जयपटना में हॉस्टल के प्रिसिंपल ने बीमार छात्राओं का डॉक्टर से उपचार कराने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि उन पर बुरी आत्माओं का साया है और तांत्रिक ही ‘विशेष पूजा’ के जरिये उन्हें ठीक कर सकता है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इस हॉस्टल में 110 छात्राएं नि:शुल्क रहती और पढ़ाई करती हैं. हॉस्टल के नियमों के मुताबिक, यहां बाहरी पुरुषों का प्रवेश मना है, लेकिन इसके बावजूद प्रिसिंपल उस तांत्रिक को झाड़-फूंक के लिए अकसर हॉस्टल बुलाते थे. उस तांत्रिक के साथ कई दूसरे लोग भी हॉस्टल आया करते थे.
ऐसी ही एक छात्रा, जिसका मानना है कि तांत्रिक ने ही उसे ठीक किया, कहती है, ‘हम जब भी चिल्लाया करते थे, तो भूत हमें पकड़ लेता था और फिर वे (शिक्षक) तांत्रिक को (भूत भगाने के लिए) बुलाते थे.’ वह यह भी बताती है कि तांत्रिक जब पिछली बार हॉस्टल आया था, तो उसने एक कबूतर की बलि चढ़ाई थी.
वहीं जिला प्रशासन से जब इस बारे में संपर्क किया गया तो उनका कहना है कि जांच पूरी होने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जिलाधिकारी डॉ. बरुंधा डी ने कहा, ‘मुझे शिकायत मिली है कि प्रिंसिपल हॉस्टल में तंत्र-मंत्र कराते हैं. एक टीम वहां गई है, जो कि जांच के बाद रिपोर्ट देगी.’