November 5, 2024

प्रदेश में शांति एवं सौहार्द बनाए रखने के लिए सद्भावना मार्चं

फरीदाबाद :  सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने जाट आरक्षण आन्दोलन के बाद जाति आधारित धु्रवीकरण करने के प्रयासों के खिलाफ आज प्रदेश में शांति एवं सौहार्द बनाए रखने के लिए सद्भावना मार्च का आयोजन किया। जिसमें सभी 36 बिरादरियों से जुड़े हजारों कर्मचारियों ने भाग लेकर इन प्रयासों को रोकने व प्रदेश में आपसी भाईचारा मजबूत करने का संकल्प लिया। संघ के जिला प्रधान अशोक कुमार की अध्यक्षता में आयोजित सद्भावना मार्च के बाद कर्मचारियों व मजदूरों ने नीलम पुल पर मानव श्रृंखला बनाई और लोगों से इस संकट की घड़ी में जाति आधारित ध्रुवीकरण के किए जा रहे प्रयासों को विफल बनाते हुए शांति एवं सद्भाव बनाए रखने की अपील की।

सद्भावना मार्च से पूर्व विभिन्न विभागों के कर्मचारी मजदूर एवं ट्रेड यूनियनों तथा विभागीय यूनियनों के नेता नगर निगम ऑडिटोरियम में एकत्रित हुए और एक कर्मचारी सभा का आयोजन किया। जिसको संघ के महासचिव सुभाष लाम्बा, मुख्य संगठनकर्ता विरेन्द्र डंगवाल, उपप्रधान नरेश शास्त्री, जिला सचिव युद्धवीर सिंह खत्री के अलावा ट्रेड यूनियन कौंसिल फरीदाबाद के नेता लालबाबू शर्मा, बेचूगिरी आदि ने बोलते हुए कहा कि प्रदेश के लोगों की जान-माल की सुरक्षा करना सरकार का काम है और भाजपा सरकार इसमें पूरी तरह विफल रही है।

अब आपकी विफलता छिपाने के लिए किसी और पर दोष मंडना ठीक नहीं है। कर्मचारी सभा में पारित किए प्रस्ताव में मामले की माननीय पंजाब एण्ड हरियाणा हाईकोर्ट के वर्तमान न्यायधीश से जांच करवाने व आगजनी, तोडफ़ोड़, लूटपाट करने के दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने, आन्दोलन में हुए जान-माल के नुकसान का शीघ्र मुआवजा देने, 35 बिरादरियों के नाम पर जाति आधारित ध्रुवीकरण के प्रयासों पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि संविधान प्रदत्त आरक्षण में कोई कटौती नहीं होनी चाहिए और इससे बाहर रह गई जातियों को भी आरक्षण देने का कोई सर्वमान्य हल निकालने की मांग की।

उन्होंने कहा कि 1980 में हरियाणा की कुल आबादी एक करोड़ के लगभग थी और कर्मचारी 4 लाख से ज्यादा थे और आज जनसंख्या लगभग तीन करोड़ है और कर्मचारी घटकर तीन लाख से भी कम रह गए। आबादी के अनुसार लगभग 8 लाख पद खाली हैं। क्या इनको भरवाने की लड़ाई सभी बिरादरियों को मिलकर नहीं लडऩी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस घटना के बहाने आरक्षण को खत्म करने का माहौल भी बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई माह से जब दोनों तरफ से जातीय टकराव का माहौल बनाया जा रहा था, तो सरकार चुप रही और उपद्रवी जब लूटपाट, आगजनी व तोड़-फोड़ कर रहे थे तो भी सरकार दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही थी। उन्होंने ध्रुवीकरण के बजाय शांति एवं सद्भाव बनाए रखने की अपील की।